पन्ना टाइगर रिजर्व में बाघ को करंट लगाकर मार डाला

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-मौत के बाद शिकारियों ने गला काटा, खाल उतारीय खोखला कर शव को तालाब में फेंक गए


भोपाल । विंध्याचल की पहाडियों में पले-बढ़े पन्ना टाइगर रिजर्व में के दो शावक भाई हीरा-पन्ना की जोड़ी टूट गई है। सतना वन मंडल के सिंहपुर रेंज की अमदरी बीट में हीरा का शिकार हो गया है। धान के एक खेत में करंट लगाकर उसकी जान ली गई है। खबर है कि मौत के बाद उसके सिर को काटने के साथ खाल उतरकर बॉडी को तालाब में फेंक दिया गया था। जिस जगह टाइगर का शिकार हुआ है, वह सतना वनमंडल के बरौंधा रेंज से 7 किमी की दूरी पर है। आरोपियों का पता नहीं चला है। शिकारियों का शिकार बना बाघ पी 234-31 हीरा बताया जाता है। पन्ना टाइगर रिजर्व में हीरा – पन्ना दो बाघों की जोड़ी प्रसिद्ध थी। जुलाई में यह जोड़ी टूट गई थी। बाघ पन्ना से माइग्रेट होकर जुलाई में सतना वन मंडल की सीमा में घुसा था। उसको कॉलर आईडी भी लगी हुई थी, जिसकी निगरानी सैटेलाइट से भी की जा सकती थी। बाघ के शिकार में बड़ी बात यह सामने आई है कि उसका शिकार दशहरे के आसपास हुआ था, लेकिन वन विभाग को इसकी न तो भनक लगी और न ही उसने बाघ की खोज खबर लेना मुनासिब समझा।
कॉलर आईडी भी मौके पर फेंक गए
बाघ की मौत के बाद स्थानीय चर्मकार की मदद से खाल को उतरवाया गया। कॉलर आईडी भी मौके पर ही फेंक दी गई थी। जिस खेत में बाघ की करंट से मौत होना बताया गया है, वह खेत रामप्रकाश का है। खेत में बोरिंग तक लाई गई बिजली के तार की चपेट में आने से बाघ की मौत हुई है। वन अमले पर सवाल उठ रहे हैं कि इतने दिन तक मूवमेंट स्थिर होने पर भी अमला गंभीर नहीं रहा। वन विभाग पीएम से भी बचना चाह रहा है। इस पूरे मामले में वन अमला तो मौके पर पहुंचा है, लेकिन अधिकारियों ने अपने फोन बंद कर लिए हैं।

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