पत्नी-बच्चों को मारने वाले डॉक्टर के गंगा में डूब मरने की आशंका

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-पुलिस ने गंगा में सर्च ऑपरेशन चलवाया पर पुलिस के हाथ खाली
कानपुर। उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित कल्याणपुर के डिविनिटी होम्स अपार्टमेंट में पत्नी और दो बच्चों की हत्या कर फरार चल रहे डॉक्टर सुशील कुमार का अभी तक कोई सुराग नहीं मिल सका है। पुलिस को आशंका है कि उसने परिवार की हत्या के बाद गंगा नदी में कूदकर जान दे दी। इस आशंका को देखते हुए पुलिस ने गंगा में भी सर्च ऑपरेशन चलवाया, हालांकि यहां भी उसके हाथ खाली ही रहे। क्राइम ब्रांच और सर्विलांस टीम सहित पुलिस की आधा दर्जन टीमें उसकी तलाश में जुटी हैं। सर्विलांस टीम को डॉक्टर के मोबाइल नंबर की सीडीआर (कॉल डेटा रिकॉर्ड) से पता चला है कि उसने शुक्रवार शाम को अपने भाई को जब मैसेज भेजकर पत्नी और बच्चों की हत्या की बात बताई थी, तब वह अटल घाट पर था। इसके करीब पौने दो घंटे बाद उसकी आखिरी लोकेशन सरसैया घाट पर मिली, जहां पर उसका मोबाइल बंद हो गया।
  अपने भाई को मैसेज भेजने के बाद करीब दो घंटे पहले तक डॉ। सुशील के मोबाइल की लोकेशन गंगा किनारे की ही मिली है। ऐसे में पुलिस को आशंका है कि सुशील गंगा में कूद गया होगा। बता दें कि कानपुर के निजी मेडिकल कॉलेज में फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के प्रमुख 61 वर्षीय डॉक्टर ने सुशील कुमार शुक्रवार को कल्याणपुर स्थित फ्लैट में अपनी पत्नी, बेटे और बेटी की हत्या कर दी थी। इसके बाद अपने जुड़वां भाई सुनील को मैसेज भेजकर घटना के बारे में पुलिस को सूचित करने के लिए कहा। पुलिस जब उनके घर पहुंची तो वहां सुशील कुमार की पत्नी 48 वर्षीय चंद्रप्रभा, इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा 18 वर्षीय बेटा शिखर सिंह, हाईस्कूल की छात्रा बेटी खुशी सिंह के खून से लथपथ शव मिले। कानपुर के पुलिस आयुक्त असीम अरुण ने बताया कि ऐसा लगता है कि डॉक्टर मानसिक रूप से काफी परेशान था। चंद्रप्रभा को हथौड़े से मारा गया था, जबकि शिखर और खुशी की गला घोंटकर हत्या की गई थी। उन्होंने बताया कि पहली नजर में ऐसा लगता है कि पीड़ितों को बेहोश करने के लिए चाय में नशीली दवा मिलाई गई थी।
पुलिस के अनुसार प्रारंभिक जांच में पता चला है कि हत्या शुक्रवार सुबह की गई और मामले की जानकारी शाम को सामने आई। पुलिस के अनुसार डॉक्टर ने घटनास्थल पर एक नोट छोड़ा है, जिसमें कहा है कि वह अवसाद का शिकार हैं और अपने परिवार को मुसीबत में नहीं छोड़ सकते। उन्होंने इस नोट में लिखा कि वह सभी को मुक्ति के मार्ग पर छोड़कर एक ही क्षण में सभी संकटों को दूर कर रहे हैं। इसमें कहा गया कि वह कोविड-19 महामारी के कारण यह कदम उठा रहे हैं और कोविड किसी को भी नहीं बख्शेगा। पुलिस के मुताबिक सुशील कुमार ने नोट में लिखा कि ‘मेरी लापरवाही की वजह से मैं अपने करियर के उस पड़ाव पर फंस गया हूं, जहां से निकलना नामुमकिन है।’ इसमें कुमार ने कहा कि वह लाइलाज बीमारी से पीड़ित हैं और भविष्य कुछ भी नजर नहीं आ रहा है। इसके अलावा उनके पास और कोई चारा नहीं है।

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