देहरादून। पत्नी की हत्या कर फरार चल रहे आरोपी पति सौरभ श्रीवास्तव को पुलिस ने आखिरकार गिरफ्तार कर लिया। यहां नेहरू कालोनी पुलिस ने बताया कि पुलिस टीम द्वारा कुशल सुरागरसी करते हुए अभियुक्त सौरभ श्रीवास्तव पुत्र शम्भूलाल श्रीवास्तव निवासी मूलन छपरा थाना पिटेरवा, जनपद कुशीनगर, उप्र, उम्र 36 वर्ष को नेहरु कोलोनी क्षेत्र में फ्रेंड्स कॉलोनी के गेट के पास से गिरफ्तार किया गया। इस अवसर पर आरोपी सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि पूछताछ में अभियुक्त सौरभ श्रीवास्तव पुत्र शम्भूलाल श्रीवास्तव ने बताया कि वह मूलरुप से जिला कुशीनगर उप्र का रहने वाला हूँ और बीए तक शिक्षा ग्रहण की है। वह करीब 12-13 साल से देहरादून मंे ही रहकर नौकरी कर रहा है। मेरी शादी श्वेता श्रीवास्तव से जून 2014 मे हुई थी। शादी के छह माह बाद से ही मेरी पत्नी मेरे साथ देहरादून में रहने आ गयी थी। इसी बीच मेरे दो बच्चे हैं बडी बेटी लव्या उम्र 6 वर्ष व 11 माह का बेटा नारायण है। उसने बताया कि वह सीएसडी कैंटीन में मार्केटिंग का काम करता था, जिससे मेरी अच्छी खासी इनकम हो जाती थी। पूर्व में वह देहरादून में कई जगह किराये पर रहा था और वर्तमान में फ्रैन्डस कॉलोनी मंे रह रहा था। उसने बताया कि मेरी पत्नी श्वेता को ऐश्वर्य भरा जीवन जीने की आदत हो गयी थी। मेरी पत्नी मेरी आमदनी से ज्यादा की मांग करती रहती थी और वह अपनी पत्नी की ऐसी मांग करने से कर्जे में डूब गया था। तीन माह पूर्व मेरी नौकरी भी छूट गयी थी और वह वर्तमान में काफी आर्थिक तंगी में चल रहा था जिस कारण मैं तीन माह से अपने कमरे का किराया भी नहीं दे पाया था। उसने बताया कि मेरी छोटी बहन की शादी 10 फरवरी 22 को होनी तय हुई थी, जिसकी पूर्ण जिम्मेदारी मेरे ही ऊपर थी। उसने बताया कि अपनी बहन की शादी के लिये किसी व्यक्ति से पांच लाख रुपये ब्याज पर लेने की बात कर रखी थी, परन्तु वह मुझसे टाल मटोल कर रहा था क्योंकि मेरी नौकरी छूट गयी थी। दूसरी ओर मेरी पत्नी श्वेता को जब मैंने बहन की शादी में चलने के लिये कहा तो श्वेता कहने लगी शादी मंे तभी जाऊंगी जब तुम मुझे रानीहार लाकर दोगे। काफी समझाने पर भी वह नहीं मानी और उसने रानीहार की जिद पकड ली। गुस्से मे वह घर के कपडे़ इधर उधर फेंकने लगी। उसने बताया कि पत्नी को रोकने की कोशिश की तो उसने मुझ पर हाथ उठा दिया, उस समय मेरा बेटा दूसरे कमरे मे सो रहा था और बेटी बच्चों के साथ बाहर रोड पर खेल रही थी। श्वेता के हाथ उठाने से उसे भी गुस्सा आ गया और उसे बैडरुम वाले कमरे में पटक दिया। फिर दोनों हाथों से उसका गला दबाया तो उसके मुंह से झाग निकलने लगा, उसके होठ नीले पड़ गये और वह तड़पने लगी। उसने बताया कि उसे लगा कि वह अभी जिन्दा है तो फिर आलमारी से बच्चे की बैल्ट निकाली और उससे श्वेता का गला दबाया परन्तु बेल्ट टूट गयी। फिर कपडे़ की प्रेस की तार से उसका गला दबाया तब भी वह तड़प रही थी तो लगा कि श्वेता जिन्दा है। उसने बताया कि वह किचन से सब्जी काटने का चाकू लाया और श्वेता का गला रेत दिया। तभी मेरी बेटी लव्या आ गयी और देखकर रोने लगी। उसने कहा कि एक बहन की शादी हो चुकी है और घर परिवार की जिम्मेदारी भी मेरी ही थी परन्तु श्वेता इस बात को नहीं समझती थी। तब मुझे यह कदम उठाना पड़ा। इस अवसर पर पुलिस टीम में दीपक रावत, थाना नेहरु कालोनी, दीपक कठैत, थाना नेहरु कालोनी, चिन्तामणि मैठाणी, चैकी प्रभारी डिफेन्स कालोनी, विजय, आशीष राठी व देवेन्द्र सिह शामिल रहे।