नौसेना महिला अधिकारियों ने रचा इतिहास

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नई दिल्ली।  महिलाएं अब किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं हैं। भारतीय नौसेना की महिला अधिकारियों ने पहली बार उत्तरी अरब सागर में आत्मनिर्भर होकर समुद्री सैन्य परीक्षण टोही एवं निगरानी मिशन पूरा किया है। नेवल एयर ए्क्लेव पोरबंदर में स्थित भारतीय नौसेना आईएनएस 314 की पांच अधिकारियों ने यह मिशन पूरा किया है।
वहीं, भारतीय सेना ने गुरुवार को बताया कि फॉरवर्ड इलाकों में तैनात सैनिकों को सुरक्षित और विश्वसनीय आवाज, वीडियो और डेटा कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए भारतीय सेना के पास ट्रांसपोर्टेबल सैटेलाइट टर्मिनल (टीएसटी) दि गए हैं। ये टीएसटी उच्च गतिशीलता वाहन पर आधारित हैं। सेना ने बताया कि टीएसटी सभी प्रकार के इलाकों में घूम सकते हैं, निर्बाध काम करते हैं और सामरिक संचार की रेखा से परे मैकेनाइज्ड संचालन के लिए लचीलापन प्रदान करते हैं। इसे बहुत ही कम समय में तैनात और प्रभावी बनाया जा सकता है।
भारतीय नौसेना ने अग्निपथ भर्ती योजना के तहत महिला नाविकों की भर्ती की घोषणा की है। आधिकारिक जानकारी के मुताबिक, सीनियर सेकेंडरी रिक्रूट (एसएसआर) और मैट्रिक रिक्रूट (एमआर) के लिए पंजीकरण प्रक्रिया बुधवार को संपन्न हुई। भारतीय नौसेना को 80,000 से अधिक महिला उम्मीदवारों के आवेदन प्राप्त हुए हैं।
भारतीय नौसेना के आधिकारिक हैंडल से ट्वीट कर कहा गया, भारतीय नौसेना के एसएसआर (सीनियर सेकेंडरी रिक्रूट) और एमआर (मैट्रिक रिक्रूट) के अग्निपथ योजना के तहत पंजीकरण प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। 82,000 महिला उम्मीदवारों सहित 9.55 लाख अग्निवीर आवेदकों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। वैसे तो तीनों सेवाओं (थल सेना, वायु सेना और नौसेना) में महिला अधिकारी हैं, लेकिन यह पहली बार होगा जब अधिकारी रैंक से नीचे के कार्मिक (पीबीओआर) के पद महिलाओं के लिए खुले होंगे। अग्निवीर का पहला बैच इस साल नवंबर में शुरू होगा।

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