तिरुवल्लूर। तमिलनाडु के तिरुवल्लूर जिले में पहले ट्रांसजेंडर पंचायत सचिव की नियुक्ति हुई है। 2015 में संथानाराज ने यह पद छोड़ दिया और जेंडर सर्जरी करवाई थी। एक पुरुष के तौर पर जीवन जीने के बाद उन्होंने अपना नाम दक्षिणायनी रख लिया। उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ने को लेकर सरकार के पास याचिका दायर की, जिसमें कहा गया कि शारीरिक और मानसिक बदलावों के कारण उन्हें घर से दूर जाना होगा। तिरुवल्लूर के जिला कलेक्टर एल्बी जॉन ने शुक्रवार को 30 वर्षीय ट्रांस महिला को यह कहते हुए बहाल कर दिया कि वे लिंग-संवेदनशीलता को समझते हैं। उन्होंने कहा कि यह सही दिशा में लिया गया फैसला है। इससे इस मामले को लेकर लोगों में समझ बढ़ेगी। जॉन ने कहा, ष्सेक्स ट्रांसफॉर्मेशन से जुड़ी शारीरिक और मानसिक चुनौतियों के कारण वह लंबे समय तक अनुपस्थित रहीं। हमें उम्मीद है कि यह एक अधिक लिंग संवेदनशील समाज बनाने की दिशा में एक छोटा कदम साबित होगा। इससे अधिक ट्रांसजेंडर लोगों को सरकारी और निजी क्षेत्र में नौकरी के लिए प्रेरणा मिलेगी।ष् 2010 में दक्षिणायनी तिरुवल्लूर जिले के एल्लापुरम ब्लॉक में कोडुवेली पंचायत की सचिव बनीं, तब वह 19 साल की थीं। उन्होंने पांच साल तक काम किया और फिर एक दिन अपने घर व नौकरी से भाग गईं। उन्होंने कहा, ष्मुझे कोई आजादी नहीं थी। मैंने अपने परिवार के सम्मान के लिए अपनी पहचान छिपाई थी। दक्षिणायनी ट्रांसजेंडर समुदाय के सदस्यों में शामिल हुईं। उन्होंने 2017 में चेन्नई के किलपौक मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जेंडर सर्जरी करवाई। इसके बाद उन्होंने अपने समुदाय के साथ यात्रा करना शुरू किया। 2019 में चेन्नई वापस आने से पहले उन्होंने मंदिरों में काम किया और ज्योतिष भी सीखा। इस दौरान वह मुंबई और नेपाल में रहीं।