नई दिल्ली।जासूसी के संदेह में एक चीनी महिला को उत्तरी दिल्ली में एक तिब्बती शरणार्थी बस्ती से गिरफ्तार किया गया है। यह महिला नेपाली वेश में कई दिनों से दिल्ली में रह रही थी। पुलिस ने कहा कि उसके पहचान पत्रों में उसका नाम डोलमा लामा बताया गया है, जिसका पता नेपाल की राजधानी काठमांडू में है, पुलिस ने कहा कि उसका असली नाम काई रुओ है। पुलिस ने कहा कि वह एक तिब्बती शरणार्थी कॉलोनी मजनू का टीला में रह रही है, जो दिल्ली विश्वविद्यालय के उत्तरी परिसर के पास पर्यटकों के बीच भी लोकप्रिय है। वह एक बौद्ध भिक्षु के वेश में रह रही थी। उसका वेश एक पारंपरिक लाल भिक्षु वस्त्र पहने हुए छोटे बालों के साथ मॉन्क जैसा है। पुलिस ने कहा कि उन्होंने फॉरेनर्स रीजनल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर, या एफआरआरओ के साथ उसके रिकॉर्ड की जांच की, और पाया कि काई रूओ 2019 में चीनी पासपोर्ट का उपयोग करके भारत आई थी। पूछताछ के दौरान, पुलिस ने कहा कि उसने दावा किया कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के कुछ नेता उसे मारना चाहते थे। पुलिस के मुताबिक वह तीन भाषाएं जानती हैं दृ अंग्रेजी, मंदारिन और नेपाली। उसकी गिरफ्तारी करने वाली दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने कहा कि अभी आगे की जानकारी के लिए हम मामले की जांच कर रहे हैं।