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नवजात बच्चों को बेचने वाले गिरोह का भंडाफोड़

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नई दिल्ली । पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मानव तस्करी के एक गैंग का भंडाफोड़ किया है। गिरोह में शामिल पांच महिलाएं और दो पुरुष गिरफ्तार किए गए हैं। ये गैंग सिर्फ नवजात शिशुओं को बेचता था और इनके पास से एक ढाई महीने के बच्चे को बरामद किया गया। ये गैंग ऐसे लोगों को टारगेट करता था जो निसंतान होते थे और वो आईवीएफ सेंटरों में जाते थे। वहां इनके गैंग से जुड़े लोग दम्पति को अपने जाल में फंसाकर उनसे मोटे पैसे लेकर नवजात बच्चों को उनको देते थे। पुलिस के मुताबिक इस गिरोह में 5 महिलाएं और 2 पुरुष शामिल है। यह लोग निसंतान दंपतियों का पता लगाकर उन्हें झारखंड से बच्चा लाकर बेच देते थे। इनका एक साथी अभी फरार है जो इन्हें झारखंड से बच्चे लेकर देता था। तब तक ये ऐसे निसंतान दंपति से डील फाइनल कर लेते थे, जो कि औलाद की चाहत में आईवीएफ सेन्टर में चक्कर लगाते थे। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच को नवजात बच्चों की तस्करी करने वाले इस गिरोह के बारे में मुखबिर से सूचना मिली थी। जिसके बाद पुलिस ने एक नकली ग्राहक भेजकर इस गिरोह से बच्चे के लिए डील करना शुरू किया। पुलिस के मुताबिक साढ़े छह लाख रूपये में इन लोगों के साथ डील फिक्स हुई। जिसके बाद उत्तम नगर इलाके में पहले से तय जगह पर मधु और विनय नाम की महिला पहुंची। जिसने बाद में फोन करके एक ज्योति नाम की महिला को उत्तम नगर इलाके में बुलाया। ज्योति के पास ढाई महीने का नवजात बच्चा था। बच्चे को लेकर आई महिला के साथ बरखा और बबलू शाह नाम का शख्स भी था। इन्होंने पुलिस के भेजे ग्राहक से 4 लाख रुपये ले लिए। जिसके बाद पुलिस की टीम जो कि आसपास है पहले से तैयार थी उनको इशारा मिलते ही सभी को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के बाद पुलिस इनके साथी पवन और सिमरन नाम की महिला को भी गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार ज्योति आईवीएफ सेंटर में काम करती थी और वहीं निसंतान दंपतियों को बच्चे गोद लेने के लिए तैयार करती थी। दिल्ली पुलिस की पूछताछ इस गिरोह के सदस्यों ने बताया कि झारखंड के रहने वाले कुतुबुद्दीन नाम का शख्स नवजात बच्चों को वहां से लाकर बेचता था। पुलिस ने जब कुतुबुद्दीन के ठिकानों पर छापेमारी की तो वह फरार हो गया। पुलिस अब कुतुबुद्दीन की तलाश कर रही है, जिसकी गिरफ्तारी से पता चलेगा कि वो बच्चे कहां से लाता था। पुलिस अब ये भी जांच कर रही है कि इन बच्चों को झारखंड से चोरी करके लाया जाता था या फिर खुद मां बाप पैसों के लालच में बच्चों को बेचते थे।

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