काशीपुर। धोखाधड़ी के आरोपों से घिरे केजीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष राजीव घई को हाईकोर्ट ने गिरफ्तारी से राहत दे दी है। हाईकोर्ट ने आरोपियों को पुलिस जांच में सहयोग करने और एक अक्टूबर को विवेचनाधिकारी के समक्ष पेश होने के आदेश दिए हैं। बेस्ट पंजाबीबाग नई दिल्ली निवासी शैलेन्द्र घई के प्रार्थना-पत्र पर जांच के बाद पुलिस ने 17 सितम्बर को केजीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष राजीव घई, तत्कालीन तहसीलदार, तत्काली न एसडीओ ;पंचायतद्ध, तत्कालीन ग्राम सेक्रेट्री काशीपुर के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया है। शैलेन्द्र की ओर से राजस्व परिषद में शिकायत कराई गई थी कि 10 साल पहले उसके भाई राजीव घई ने कूटरचित दस्तावेज प्रस्तुत कर ग्राम सरवरखेड़ा और महेशपुरा में बेशकीमती संपत्ति का दाखिल खारिज अपने पक्ष में करा लिया। आरोप है कि तत्कालीन तहसीलदार ने दस्तावेजों का सत्यापन कराए बगैर दोनों पत्रावलियों में एक तरफा आदेश पारित कर दिए। जांच में विधिक एवं तात्विक अनियमितताएं पाए जाने पर राजस्व परिषद ने दोनों पत्रावलियों में किए आदेश निरस्त कर पुनः सुनवाई के आदेश दिए हैं। मुकदमा दर्ज होने पर मुख्य आरोपी राजीव घई की ओर से एफआईआर निरस्त करने के लिए नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका प्रस्तुत की गई। अधिवक्ता अमरीश अग्रवाल व पीसी पेठशाली ने याचिकाकर्ता का पक्ष रखा। उनका कहना था कि पारिवारिक रंजिश में झूठी रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। जस्टिस एनएस धनिक ने आरोपियों को धारा 41 सीआरपीसी का नोटिस तामील कराने के निर्देश दिए। आरोपियों को निर्देशित किया है कि जांच में वे पुलिस का सहयोग करें। उन्हें एक अक्टूबर को विवेचना अधिकारी के समक्ष प्रस्तुत होने का आदेश दिया है।