देहरादून और हरिद्वार के दो आगंनबाड़ी केंद्रों को मॉडल क्रेच केंदों के रूप में संचालित किया जाएगा: मंत्री रेखा आर्य
देहरादून। प्रदेश में आने वाले समय में क्रेच केंद्रों को डे-बोर्डिंग की तर्ज पर संचालित किया जाएगा। इन केंद्रों में तमाम तरह की मूलभूत सुविधाएं जुटाई जाएंगी। इसके साथ ही आबकारी विभाग की ओर से मिलने वाली एक प्रतिशत सेस की धनराशि के खर्च के लिए नियमावली तैयार की जाएगी, जिसे अनुमोदन के लिए कैबिनेट में लाया जाएगा। इस संबंध में महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने विधानसभा स्थित सभागार में संबंधित अधिकारियों की बैठक में दिशा-निर्देश दिए। मंत्री रेखा आर्या ने कहा कि प्रदेश की कामकाजी महिलाओं के छह माह से छह वर्ष आयु वर्ग के बच्चों की देखभाल के लिए केंद्र सरकार की क्रेच योजना के तहत प्रदेश में 34 आंगनबाड़ी कम क्रेच केंद्र खोले जाने की स्वीकृति मिली है। शुरूआत में प्रदेश के दो जिलों देहरादून और हरिद्वार के दो आगंनबाड़ी केंद्रों को मॉडल क्रेच केंदों के रूप में संचालित किया जाएगा। इनके सफल संचालन के बाद अन्य स्वीकृत केंद्रों को भी अपग्रेड किया जाएगा। इन केंद्रों में सभी प्रकार की मूलभूत सूविधाएं प्रदान की जाएंगी, जो डे बोर्डिंग की तरह संचालित होंगे। मंत्री ने कहा कि एकल महिला योजना को लेकर कार्ययोजना तैयार की जा चुकी है, जिस पर वित्त विभाग की ओर से परिक्षण के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी। इसके अलावा आबकारी विभाग से मिलने वाले एक प्रतिशत सेस के रूप में अनुपूरक बजट में करीब आठ करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है, जिसके उपयोग को लेकर नियमावली तैयार करते हुए आगामी कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाएगा। बैठक में सचिव चन्द्रेश कुमार यादव, अपर सचिव प्रशांत आर्य, राज्य नोडल अधिकारी आरती बालोदी और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। मंत्री ने वात्सल्य योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि जुलाई और अगस्त माह की धनराशि के आवंटन के लिए सितंबर माह के पहले पखवाड़े में बजट प्राप्त होते ही लाभार्थियों को शेष धनराशि का भुगतान कर दिया जाएगा।