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दिल्ली में मंकीपॉक्स का पहला केस मरीज के शरीर पर दर्दनाक घाव

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नई दिल्ली । दिल्ली में मंकीपॉक्स से संक्रमित पाए गए पहले व्यक्ति की हालत स्थिर है। उसे दर्दनाक घाव हुए थे। पश्चिमी दिल्ली के रहने वाले 34 वर्षीय व्यक्ति में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने के बाद उसे करीब तीन दिन पहले लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में पृथक कर दिया गया था। आधिकारिक सूत्रों ने बताया, निगरानी टीम व्यक्ति के संपर्क में आए अन्य लोगों का पता लगाने में जुटी है। टीम के अनुसार, रोगी को दर्दनाक घाव हुए थे, जो मंकीपॉक्स का एक लक्षण है। उसकी हालत का निरीक्षण किया गया है। उसे अन्य बीमारियां नहीं हैं। संक्रमित व्यक्ति का विदेश यात्रा का कोई इतिहास नहीं है, लेकिन उसने घरेलू यात्रा की थी। वह संक्रमण के चपेट में कैसे आया, इसके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है। डॉक्टरों का कहना है कि कोविड-19 मंकीपॉक्स से अधिक संक्रामक है, और संक्रमित व्यक्ति के छींकने पर उसके पास खड़ा व्यक्ति इसकी चपेट में आ सकता है। मंकीपॉक्स भी एक संक्रामक रोग है, लेकिन अगर उचित दूरी बनाए रखी जाती है और लोग मास्क पहनते हैं, तो यह इतनी तेजी से नहीं फैलेगा। लोकनायक अस्पताल में अलग वार्ड दिल्ली सरकार के सबसे बड़े अस्पताल लोकनायक में मंकीपॉक्स के संभावित खतरे से निपटने के लिए छह बेड का वार्ड तैयार कर लिया गया है। साथ ही मंकीपॉक्स का कोई संदिग्ध मामला सामने आने की स्थिति में मरीज की देखभाल से संबंधित प्रशिक्षण भी डॉक्टर और अन्य चिकित्साकर्मियों को दिया गया है। अस्पताल प्रशासन के अनुसार, 16 जुलाई को सरकार ने लोकनायक अस्पताल को मंकीपॉक्स के लिए नोडल सेंटर घोषित किया था। उसके बाद से ही अस्पताल में विशेष वार्ड बनाने और डॉक्टरों के प्रशिक्षण की तैयारी शुरू कर दी गई थी। अब वार्ड बनकर तैयार हो गया है। वार्ड में सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं। चिंता की बात सबसे ज्यादा मामलों वाले शीर्ष 10 देशों में मंकीपॉक्स का इतिहास नहीं रहा है। सिर्फ छह ही ऐसे देश हैं, जहां मंकीपॉक्स पहले से है। ये सभी देश अफ्रीका के हैं। ये देश डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ कांगो, रिपब्लिक ऑफ कांगो, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, कैमरून, नाइजीरिया और घाना हैं। ये सभी देश एक ही क्षेत्र में आते हैं। मौजूदा समय में इन देशों में मंकीपॉक्स के सक्रिय मामले बेहद कम हैं।

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