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दहेज उत्पीड़न के केस में निचली अदालत के आदेश को रखा बरकार

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काशीपुर। दहेज उत्पीड़न के मुकदमे में आरोपियों को दोषमुक्त करने के खिलाफ दायर याचिका एडीजे तृतीय ने सुनवाई के बाद खारिज कर दी है। पूर्व में निचली अदालत आरोपियों को बरी कर चुकी है। मौहल्ला किला निवासी लवली शर्मा ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि अप्रैल 2012 को उसका विवाह मनिंदर शर्मा से हुआ था। आरोप है कि पति मनिंदर, ससुर कुलदीप शर्मा और सास निर्मल ने दहेज में एक लाख रूपये के लिए जनवरी 2013 को उसे निकाल दिया। बाद में मार्च 2013 को मायके आकर उसके साथ मारपीट की। मुकदमा दर्ज होने के बाद तीनों के खिलाफ चार्जशीट प्रस्तुत की गई। सुनवाई के दौरान एक आरोपी कुलदीप शर्मा की मौत हो गई। न्यायिक मजिस्टेªट/सिविल जज ;जू.डि.द्ध की अदालत ने 31 अक्टूबर, 2019 को साक्ष्यों के अभाव में मनिंदर और उसकी मां निर्मल को दोषमुक्त कर दिया। निचली अदालत के इस फैसले को वादी ने सत्र न्यायालय में चुनौती दी। सुनवाई एडीजे तृतीय रजनी शुक्ला की अदालत में हुई। बचाव पक्ष की ओर से पैरवी देवेन्द्र कुमार ने की। सुनवाई के बाद फौजदारी अपील खारिज कर निचली अदालत के आदेश को बकरार रखा।

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