हापुड़। गढ़मुक्तेश्वर के सिंभावली क्षेत्र की सैफी कॉलोनी निवासी एक व्यक्ति को तीन चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया, लेकिन घर लाने के दौरान मृतक जीवित हो उठा। मामला सिंभावली समेत पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना है। मूल रूप से गांव बिरसिंहपुर निवासी अब्दुल रसीद (75) ने सिंभावली में स्थित सैफी कॉलोनी में करीब 4 वर्ष पूर्व मकान बनाया था। जिसके बाद वह अपने बेटे आशक अली के साथ सैफी कॉलोनी में ही रहते हैं। आशक अली ने बताया कि उनके पिता अब्दुल रसीद को दो दिन पहले हार्ट अटैक हुआ था, जनपद मेरठ के किठौर क्षेत्र में उपचार के दौरान उन्हें आराम हो गया था।
आशक अली ने बताया कि रविवार की सुबह घर पर ही एक बार फिर उसके पिता की तबीयत बिगड़ गई। परिजन उन्हें किठौर के अस्पताल में लेकर पहुंचे, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मेरठ के लिए रेफर कर दिया। मेरठ के अस्पताल में भर्ती कराने के बाद उनकी तबियत अधिक बिगड़ गई, उपचार के दौरान चिकित्सकों ने अब्दुल रसीद को मृत घोषित करते हुए घर ले जाने की सलाह दी। लेकिन परिजन उन्हें एक अन्य चिकित्सक के यहां भी ले गए, लेकिन उस चिकित्सक ने भी उन्हें घर ही ले जाने की सलाह दी ।
परिजन अब्दुल रसीद को मृत मानकर कार से घर की तरफ लेकर चल दिए। सिंभावली के निकट रेलवे फाटक के निकट सड़क के गड्ढे में कार का पहिया गिरने से हुए झटका लगने के बाद अब्दुल रसीद के शरीर में हरकत हुई। जिसे देख परिजन हतप्रभ हो गए। जिसके बाद परिजनों ने उन्हें पानी पिलाया। अब्दुल रसीद को स्वस्थ देखकर परिजनों में खुशी का माहौल बन गया।