डाक्टर ने 70 साल के मरीज के घुटने से निकाला 12 सेंटीमीटर का स्टोन

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-मेडिकल साइंस में इसे मल्टीपल जाइंट सिनोवियल कोंड्रोमैटोसिस कहा जाता है
मुंबई। क्या आपने किसी के घुटने में पथरी या स्टोन के बारे में सुना है। शायद नहीं३लेकिन एक ऐसा ही मामला मुंबई में देखने को मिला है। पिछले हफ्ते डॉक्टर ने एक 70 साल के मरीज के घुटने से 12 सेंटीमीटर का स्टोन निकाला है। ये स्टोन मरीज के दाएं घुटने में था। मेडिकल साइंस की भाषा में इसे मल्टीपल जाइंट सिनोवियल कोंड्रोमैटोसिस कहा जाता है। डॉक्टरों के मुताबिक ये एक दुर्लभ बीमारी है। ये एक लाख लोगों में से सिर्फ एक में होता है। जिस मरीज के घुटने से इस स्टोन को बाहर निकाला गया वो एक दिहाड़ी मजदूर है। लक्ष्मीकांत माधेकर महाराष्ट्र के अमरावती के रहने वाले हैं। खास बात ये है कि डॉक्टरों ने ये सर्जरी मुफ्त में की। उनके घुटने को रिप्लेस किया गया।
  माधेकर ने 10 साल के बाद पहली बार मोटर साइकिल चलाई। उनके बेटे प्रेमकर ने बताया कि पिछले कुछ साल से उनके पिता ठीक से चल नहीं पाते थे। साथ ही वो सीढ़ियों पर भी नहीं चढ़ पाते थे। गांव के आरोग्य सेवक माधेकर को महीम के एसएल राहेजा फोर्टिस हॉस्पिटल लेकर गए। यहां एमआरआई में पता चला कि उनके घुटने में एक ककड़ी के आकार का स्टोन है। मधेकर का ऑपरेशन करने वाले हड्डी रोग सर्जन डॉ सिद्धार्थ एम शाह ने कहा कि एक चिकित्सा साहित्य खोज में बड़े स्टोन का केवल एक उल्लेख सामने आया था। उन्होंने कहा ‘सबसे बड़ा पत्थर 20 सेंटीमीटर का था, जबकि दूसरा 11 सेमी था। हमारे मरीज का पत्थर 12 Û 6 मापा गया। 5.5 सेमी और इसे दो भागों में हटाने की जरूरत है।’ मेडिकल टीम एक मेडिकल जर्नल के लिए केस स्टडी जमा करने की योजना बना रही है क्योंकि “स्टोन कम से कम भारत में सबसे बड़ा होने की संभावना है।’  डॉक्टर ने कहा कि मल्टीपल जाइंट सिनोवियल कोंड्रोमैटोसिस तब होता है जब घुटने के जोड़, सिनोवियम की अंदरूनी परत चिकनाई वाले तरल पदार्थ के बजाय कार्टिलेज निकालना शुरू कर देते हैं। मधेकर के दाहिने घुटने में 12 सेमी एक, साथ ही एक दर्जन छोटे ओस्टियोचोन्ड्रोमा ;पत्थरद्ध सहित चार विशाल स्टोन थे।

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