रायगढ़। सरिया थाना क्षेत्र के ग्राम नदीगांव सूरजगढ़ महानदी पुल नीचे 1 अगस्त 2022 को एक अधेड़ महिला और अधेड़ पुरूष का शव मिलने के मामले को सरिया पुलिस ने अंधे कत्ल की गुत्थी को सुलझा लिया है। मामले में पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद हत्या का केस दर्ज कर विवेचना शुरू की थी तथा हत्यारों की तलाश कर रही थी। मिली जानकारी के अनुसार सरिया थाना क्षेत्र के ग्राम नदीगांव सूरजगढ़ महानदी पुल नीचे 1 अगस्त 2022 को एक अधेड़ महिला और अधेड़ पुरूष का शव मिला था। मृतकों की पहचान महेशपुर बागबाहर के सुकरू यादव (40 साल) मनमती यादव (35 साल) के रूप में हुई थी। सूचना मिलने के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया था। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद पता चला कि दोनों की हत्या की गई थी। तथा अज्ञात आरोपी पर हत्या का अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था। जांच पड़ताल के दौरान पुलिस को एक नाबालिग सहित कुल 8 लोगों ने मिलकर जादू टोना के संदेह पर 30 जुलाई के रात घटना को अंजाम देने की जानकारी मिली। इस पर एक-एक कर पुलिस टीम ने दबिश देकर लैलूंगा, जशपुर के विभिन्न इलाकों से 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया। घटना में शामिल एक आरोपी दशरथ यादव फरार हो गया। पुलिस टीम ने तांत्रिक को भी मामले का आरोपी बनाया है, जिसकी पतासाजी की जा रही है। पुछताछ में नाबालिग ने बताया कि ये दो भाई और एक बहन है। इसके माता पिता अलग रायगढ़ भगवानपुर में रहकर माली का काम करते थे। वे लोग जो भी कमाते दोनों भाइयों को कुछ नहीं देते। यह लोग अपने गांव की खेती कर जीवन यापन कर रहे है। बड़े भैया खुलेश्वर यादव कुछ माह से मानसिक रूप से विक्षिप्त हो गया था, जिसे सतगुरु आश्रम ग्राम झीमकी चौकी कोतबा के तांत्रिक मोहन यादव के पास ले जाकर झाड़-फूंक कर आए. तो तांत्रिक छत्रमोहन यादव बोला कि तुम्हारे भैया को तुम्हारे माता-पिता मिलकर जादू टोना कर पागल कर दिए हैं। तुम लोग उन्हें जान से मार दोगे तो तुम्हारा भाई ठीक हो जाएगा. तुम आर्थिक रूप से भी संपन्न हो जाओगे। तब यह अकेले इस काम को कर पाने में अक्षम होने के कारण अपने जीजा नरसिंह यादव और चचेरे भाई राजू राम यादव, भोले शंकर यादव, शंकर यादव, खगेश्वर यादव, ईश्वरी यादव और दशरथ यादव के साथ मिलकर सुकरू राम यादव और मनवती यादव की हत्या का प्लान बनाया और प्लान के तहत हत्या कर शव को महानदी में फेंकना तय किया। प्लान के तहत दिनांक 30 जुलाई को योजना बनाकर एक बोलेरो वाहन किराए में लेकर रायगढ़ आए। इसका जीजा नरसिंह यादव बोलेरो को स्वयं चलाते हुए सभी को वाहन में बिठाकर दिनांक 30 जुलाई की रात भगवानपुर और घटना को अंजाम देने के लिए साथ में रस्सी, गमछा और प्लास्टिक का सिंका लेकर आए थे। माता-पिता के किराए मकान में पहुंचकर उन्हें बोले कि खुलेश्वर यादव का तबीयत बहुत ज्यादा खराब है। चलो उसे देखकर आना और उन्हें झूठ बोलकर बोलेरो वाहन में बिठाकर सूरजगढ़ महानदी पुल के पार सरिया भटली रोड तक ले गए। और सभी ने मिलकर दोनों का गला घोंट दिया और उनकी लाश को पुल से नीचे फेंक दिया। मामले में एक अरोपी फरार है तथा अन्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है।