चैती मेले पर महंगाई की मार, पिछले साल से महंगा हुआ टेंडर

काशीपुर। चैती मेले के आयोजन को लेकर एसडीएम अभय प्रताप सिंह की देखरेख में उपजिलाधिकारी कार्यालय में मेला व्यवस्थाओं से जुड़ी सात प्रमुख सेवाओं के टेंडर खोले गए, जिनमें झूले, सर्कस, तमाशे, बिजली-साउंड सिस्टम, दुकानों की तहबाजारी, पार्किंग और अन्य व्यवस्थाएं शामिल हैं। इस साल चैती मेले के टेंडर की कुल कीमत 4 करोड़ 21 लाख 31 हजार 787 रुपए पहुंच गई, जो पिछले साल की 3 करोड़ 77 लाख रुपए की कीमत से अधिक है। उल्लेखनीय है कि प्रतिवर्ष पिछले वर्ष टेंडर मंहगा होने के कारण चैती मेला लगातार महंगा होता जा रहा है, जिसका सीधा असर ग्राहकों की जेब पर पड़ रहा है।
दुकानों और तहबाजारी के टेंडर प्रिंस ट्रेडिंग कंपनी ने 2 करोड़ 21 लाख रुपए की सबसे ऊंची बोली लगाकर यह ठेका अपने नाम किया। झूले और तमाशे का टेंडर हिमाचल फन फेयर ने 1 करोड़ 64 लाख रुपए की सर्वाधिक बोली लगाकर हांलिस किया। वाहन पार्किंग का ठेका एटीएस इंटरप्राइजेज ने 14 लाख 80 हजार रुपए की बोली लगाकर अपने नाम किया। बिजली और साउंड सिस्टम के टेंडर श्री बालाजी इंटरप्राइजेज ने 21 लाख रुपए की ऊंची बोली लगाकर हासिल किया। हालांकि, टेंट और बैरिकेडिंग के लिए केवल एक ही निविदा प्राप्त हुई, जिससे इस टेंडर को फिलहाल निरस्त कर दिया गया है। उपजिलाधिकारी अभय प्रताप सिंह ने बताया कि इस टेंडर के लिए दोबारा निविदा प्रक्रिया अपनाई जाएगी, ताकि उचित प्रतिस्पर्धा बनी रहे और मेले की व्यवस्था बेहतरीन तरीके से हो सके। एसडीएम अभय प्रताप सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान स्पष्ट किया कि चैती मेला 2025 को एक सुरक्षित, सुव्यवस्थित और आकर्षक आयोजन बनाना प्रशासन की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि मेले की सभी व्यवस्थाओं को पारदर्शिता के साथ संचालित किया जा रहा है, ताकि किसी भी आगंतुक को किसी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने यह भी बताया कि झूले, तमाशे, दुकानें, पार्किंग, बिजली और साउंड सिस्टम समेत सभी व्यवस्थाओं के टेंडर निष्पक्ष प्रक्रिया के तह खोले गए हैं। चैती मेला में इस बार कई नई सुविधाएं जोड़ी जाएंगी। डिजिटल टिकटिंग, ई-पेमेंट, लाइव ट्रैकिंग और ऑनलाइन सुविधा जैसी सेवाओं को लागू करने की योजना बनाई गई है।