– भ्रष्टाचार के मामले में विशेष न्यायालय उज्जैन ने सुनाया फैसला
भोपाल। लोकायुक्त से संबंधित भ्रष्टाचार के मामले में विशेष न्यायालय उज्जैन के विशेष न्यायाधीश पंकज चतुर्वेदी ने विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त के अपराध क्रमांक 270ध्2016 में आरोपी राजेंद्र मांझी पटवारी हल्का गजनी खेड़ी, तहसील बडनगर उज्जैन को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 एवं 13(2) में दोषी करार देते हुए दो धाराओं में चार-चार साल के सश्रम कारावास सहित 34 हजार रुपये के अर्थदण्ड की सजा दिये जाने का फैसला सुनाया है। मामले मे मिली जानकारी के अनुसार फरियादी नंदकिशोर पाटीदार निवासी ग्राम गजनी खेड़ी ने 29 अगस्त 2016 को पुलिस अधीक्षक विपुस्था लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन को शिकायत करते हुए बताया था कि कि उसकी पारिवारिक कृषि भूमि 26 बीघा जमीन ग्राम गजनी खेड़ा एवं ग्राम माधोपुरा में है। इस जमीन के नामांतरण व खसरा बी-1 निकलवाने के लिए उसने हल्का पटवारी राजेंद्र मांझी से सर्पकं किया तो वो काम करवाने के लिए 30 हजार रिश्वत मांग रहा है। फरियादी की शिकायत की जॉच करने पर आरोपी राजेंद्र मांझी द्वारा घूस मागंने की बात सही पाई गई। इसके बाद पुलिस अधीक्षक लोकायुक्त के निर्देशन में तत्कालीन निरीक्षक दिनेश रावत द्वारा आरोपी को रंगे हाथो ट्रैप करने की योजना बनाई गई। ओर आरोपी राजेंद्र मांझी को दिनांक 31 अगस्त 2016 को फरियादी नंदकिशोर से 17 हजार की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। ट्रैप के समय रिश्वत की रकम आरोपी पटवारी राजेंद्र मांझी की शर्ट की जेब से जप्त की गई थी। मौके पर आरोपी का हाथ एवं शर्ट की जेब को घोल में धुलाये जाने पर घोल का रंग गुलाबी हो गया था। आगे की कार्यवाही मे लोकायुक्त संगठन द्वारा आरोपी के खिलाफ अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। जिसमें सुनवाई पूरी होने के बाद विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम उज्जैन पंकज चतुर्वेदी ने अपने फैसलै मे आरोपी को दोषी करार देते हुए भैरूगढ़ जेल भेज दिया। लोकायुक्त संगठन की ओर से विशेष लोक अभियोजक मनोज कुमार पाठक डी.पी.ओ. द्वारा प्रकरण में अभियोजन का संचालन किया गया।