अलीगढ़ । अलीगढ़ के पास डावर स्टेशन पर नीलांचल एक्सप्रेस से सुल्तानपुर जा रहे युवक हरिकेश दुबे के गले में सब्बल घुसने से मौत मामले में मुआवजे को रिवाइज किया गया है। दरअसल शुक्रवार की सुबह नीलांचल एक्सप्रेस से यात्रा कर रहे हरिकेश की डावर स्टेशन के पास खिड़की का कांच तोड़कर अंदर घुसे सब्बल की चपेट में आने से मौत हो गई थी। इस मामले में रेलवे प्रशासन ने केवल 15 हजार रुपए मुआवजा देने की घोषणा की थी। जबकि हरिकेश के परिजनों ने मांग की थी कि उन्हें एक करोड़ और परिवार के एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी बतौर मुआवजा दी जाए।
रेलवे ने 15 हजार रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया। इसके बाद हरिकेश के परिजनों ने यह मुआवजा लेने से इनकार कर दिया। बाद में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव सामने आए। उन्होंने कहा कि हरिकेश के परिजनों को 5 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। हरिकेश के परिजनों की मांग को रेल मंत्री भी पूरा करते नहीं दिख रहे हैं। ऐसे में सवाल यह उठ रहा है कि क्या हरिकेश के परिजन रेल मंत्रालय के इस मुआवजे पर मान जाएंगेघ्
घटना के दिन हरिकेश नीलांचल एक्सप्रेस से दिल्ली से सुल्तानपुर जा रहे थे। अलीगढ़ के पास लोहे का सरिया पटरी के किनारे से अचानक उछला खिड़की के शीशे को तोड़ता हुआ सीधे हरिकेश के गले में घुस गया। दिल्ली.हावड़ा ट्रैक पर सोमना और डावर स्टेशन के बीच यह हादसा हुआ। हरिकेश जनरल कोच में सफर कर रहे थे। जीआरपी की प्रारंभिक जांच में रेलवे की लापरवाही का मामला सामने आया है। रेलवे की लापरवाही पर हरिकेश के परिजनों ने भारी रोष व्यक्त किया है।
इसके बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने हरिकेश दुबे के परिजनों को 5 लाख रुपये की मुआवजा राशि दिए जाने का ऐलान किया है। हरिकेश दिल्ली में रहते थे। उनके दो छोटे.छोटे बच्चे हैं। उनके बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया है। हरिकेश के साथ हुए हादसे के बाद शव लेने केलिए उनके परिजन शनिवार की सुबह सुल्तानपुर से अलीगढ़ पहुंचे थे। इस दौरान रेलवे के अधिकारियों ने 15 हजार रुपए की अनुग्रह राशि परिजनों को देने की पेशकश की। इस पर हरिकेश के परिजन भड़क गए। उन्होंने रेलवे अधिकारियों को भला.बुरा कहा। वे मृतक का शव लेकर वहां से चले गए। इसके बाद यह मामला तूल पकड़ गया। सोशल मीडिया पर भी रेलवे विभाग को ट्रोल किया जाने लगा। इसके बाद रेल मंत्री ने मुआवजा राशि बढ़कर पांच लाख कर दी।