-चार दिवसीय विराट सम्मेलन 15 से
काशीपुर। स्वामी हरि चैतन्यपुरी जी महाराज ने आज यहाँ श्री हरिकृपा धाम आश्रम में उपस्थित विशाल भक्त समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि परिवार, नगर, राष्ट्र व समाज में सब आपस में मिलकर एक हो जाएं। संसार एक मेला है तथा मेले का अर्थ है मिलाप। मेले में जाकर तो आनंद आता है लेकिन यदि मेलों में ठीक से चलना ना आया, बोलना ना आया, व्यवहार करना ना आया तो मेला झमेला बनते भी देर नहीं लगती। संसार रूपी मेले में भी अधिकांश लोगों के जीवन में आज वो आनंद, उत्साह व उमंग दिखाई नहीं देती है। लगता है लोगों के लिए भी यह संसार रूपी मेला झमेला बन चुका हैं। विशेषतया उनके लिए जिन्हें जीने की कला नहीं आती क्योंकि जीना भी एक कला है।
उन्होंने कहा कि घ्यान की एकाग्रता के लिए एक ईष्ट का चुनना बहुत आवश्यक है अंतर में अपने ईष्ट का ध्यान करते हुए बाहर सभी का सम्मान, पूजा व ध्यान कर सकते हैं यदि ना कर पाए तो कम से कम किसी का निरादर ना करें। ईष्ट को सर्वोपरि माने तथा उसके प्रति निरंतर प्यार बढ़ाते रहें जीवो पर करुणा व दया बरसाए। श्री हरिकृपा धाम आश्रम गढीनेगी में महाशिवरात्रि महोत्सव एवं चार दिवसीय विराट धर्म सम्मेलन का आयोजन स्वामी श्री हरि चैतन्यपुरी जी महाराज के पावन सानिध्य में 15 से 18 फरवरी तक किया जा रहा है, जिसमें रोज 4 से 6 बजे तक दिव्य प्रवचन होंगे तथा 18 फरवरी को प्रातः 8 बजे श्री हरेश्वर महादेव का महाभिषेक होगा। 10 बजे से 1 बजे तक श्री महाराजजी के दिव्य प्रवचन होंगे तथा 1 बजे से विशाल भण्डारे का आयोजन होगा, जिसमें सभी धर्म प्रेमी जनता को आमंत्रित किया गया है।