काशीपुर। कुमाऊं का वो शहर है, जिसे यूपी और उत्तराखंड दोनों राज्यों का मुख्यमंत्रित्व संभालने वाले नारायण दत्त तिवारी की कर्मस्थली माना जाता है। कांग्रेस नेत्री डा. दीपिका गुड़िया आत्रेय ने बताया कि काशीपुर ही वो शहर रहा, जिसने एक-दो नहीं, बल्कि चार-चार बार एनडी तिवारी को विधायक चुना। विधायक और मुख्यमंत्री रहते हुए श्री तिवारी ने काशीपुर में शिक्षण संस्थाओं, उद्योगों के विकास के साथ सड़कों का जाल बिछाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यही वजह है कि क्षेत्रवासियों ने उन्हें नया नाम ‘विकास पुरुष’ दे दिया।
डॉ. दीपिका गुड़िया आत्रेय ने बताया कि एनडी तिवारी ने सबसे पहले वर्ष 1967 में विधानसभा का चुनाव लड़ा था। वह अपने प्रतिद्वंद्वी पीएस पार्टी के रामदत्त जोशी से 1580 वोटों से हार गए थे। इसके बाद उन्होंने दूसरी बार वर्ष 1969 में मध्यवर्ती चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी रामदत्त जोशी को 17 हजार 500 वोटों से हराया था। इसके बाद तिवारी मुख्यमंत्री सीबी गुप्ता के मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री बने। वहीं वर्ष 1974 में विधानसभा के चुनाव में 24 हजार 808 वोटों से जीतकर विधायक बने। तब वह हेमवती नंदन बहुगुणा के मंत्रिमंडल में कई विभागों के मंत्री बनाए गए थे। इसके बाद जनवरी 1976 में एनडी तिवारी पहली बार यूपी के मुख्यमंत्री बने। तिवारी ने काशीपुर से 1985 में आखिरी बार चुनाव लड़ा और विधायक बने थे। दीपिका गुड़िया आत्रेय ने बताया कि श्री तिवारी से गुड़िया परिवार का पारिवारिक रिश्ता रहा है।