केदारनाथ धाम की 16 किमी की मुश्किल चढ़ाई अब महज 36 मिनट में

देहरादून। केदारनाथ धाम की 16 किमी की मुश्किल चढ़ाई अब आसान हो जाएगी। श्रद्धालु रोपवे से महज 36 मिनट के भीतर केदारनाथ धाम पहुंच सकेंगे। रोपवे का लाभ हेली सेवा का खर्च वहन न करने वाले श्रद्धालुओं को मिलेगा। इससे आने वाले समय में केदारनाथ धाम पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि तय है। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम के तहत उत्तराखंड में सोनप्रयाग से केदारनाथ तक 12.9 किमी रोपवे प्रोजेक्ट को पर्वतमाला परियोजना के तहत मंजूरी दी। इस परियोजना को डिजाइन, निर्माण, वित्त, संचालन और स्थानांतरण (डीबीएफओटी) मोड पर तैयार किया जाएगा। योजना पर 4081.28 करोड़ रुपए का बजट खर्च होगा। रोपवे का निर्माण सार्वजनिक निजी भागीदारी के साथ किया जाएगा। निर्माण सबसे उन्नत ट्राई केबल डिटेचेबल गोंडोला (थ्री एस) तकनीक के आधार पर किया जाएगा। रोपवे निर्माण का डिजाइन 1800 यात्री प्रति घंटे प्रति दिशा होगी। एक दिन में 18000 श्रद्धालु रोपवे के जरिए केदारनाथ धाम पहुंच सकेंगे। इस रोपवे परियोजना को केदारनाथ आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए वरदान माना जा रहा है। क्योंकि इस योजना से पर्यावरण अनुकूल, आरामदायक और तेज कनेक्टिविटी मिलेगी। श्रद्धालुओं को केदारनाथ धाम पहुंचने में नौ घंटे की बजाय सिर्फ 36 मिनट का समय लगेगा। इस रोपवे परियोजना से पर्यटन जैसे संबद्ध पर्यटन उद्योगों में पूरे वर्ष रोजगार के पर्याप्त अवसर उपलब्ध होंगे। रोपवे परियोजना से सामाजिक आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। पहाड़ी क्षेत्रों में लास्ट मील कनेक्टिविटी को बढ़ाने और तेजी से आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की दिशा में रोपवे परियोजना को महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। केदारनाथ मंदिर तक की यात्रा में गौरीकुंड से 16 किमी की चुनौतीपूर्ण चढ़ाई पूरी करनी होती है। वर्तमान में इसे पैदल चल कर या घोड़े, खच्चर, पालकी के जरिए पूरा किया जाता है। हेलीकॉप्टर से भी लोग केदारनाथ धाम पहुंचते हैं। प्रस्तावित रोपवे की योजना मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों को हर मौसम में कनेक्टिविटी की सुविधा प्रदान करेगी। सोनप्रयाग और केदारनाथ के बीच हर मौसम में कनेक्टिविटी सुनिश्चित होगी। केदारनाथ 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों में से एक है। जो रुद्रप्रयाग में 3583 मीटर (11968 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है। यह मंदिर अप्रैल मई से अक्टूबर नवंबर तक लगभग छह से सात महीने तक श्रद्धालुओं के लिए खुला रहता है। एक यात्रा सीजन में 20 लाख के करीब श्रद्धालु केदारनाथ पहुंचते हैं।