किसान विकास क्लब के नेतृत्व में जिलाधिकारी को दिया मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन
काशीपुर। वर्ष 1983 अथवा इससे पूर्व वर्ग-4 के कब्जेदारों ;जिसकी भूमि वर्ग- 1;खद्ध में परिवर्तित हो गई थीद्ध को मालिकाना हक देने की मांग को लेकर किसान विकास क्लब ;उत्तराखण्डद्ध के तत्वाधान में रूद्रपुर में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।
ज्ञापन में कहा गया है कि 27 जुलाई 2016 को सरकार द्वारा एक ऐसा शासनादेश आया था कि वर्ग-1 ;खद्ध की भूमि के अधीन दी गई भूमि को मालिकाना हक यानी कि वर्ग 1 ;कद्ध संक्रमणीय भूमि में दर्ज किया जाए। किंतु उसकी शर्त यह लगाई गई थी की उन पट्टों को 01 जून 2016 से 30 वर्ष या इससे पूर्व दिया गया हो, जबकि सरकार के द्वारा ही जारी अध्यादेश 18 जुलाई 2016 को वर्ग-4 की भूमि के कब्जदारों एवं पट्टेदारों की भूमि पर अधिकार देने हेतु जारी किया गया था। इस अध्यादेश में 30 जून 1983 अथवा इससे पूर्व जो व्यक्ति उक्त भूमि पर काबिज थे, उसी व्यक्ति को वर्ग-1;कद्ध अथवा संक्रमणीय भूमिधरी अधिकार दिए जाएंगे। कहा कि सरकार द्वारा वर्ष 1983 या इससे पूर्व वर्ग-4 के कब्जदारों को ही वर्ग-1;खद्ध के पट्टे दिए गए थे। इसलिए ऐसे पट्टेदारों पर मालिकाना हक मिलने को 30 वर्ष पूर्व की बाध्यता लगाना न्याय संगत नहीं है। अतः हम सरकार से विनम्र निवेदन करते हैं कि ऐसी वर्ग 4 की भूमि जिस पर किसानों का कब्जा वर्ष 1983 या इससे पूर्व का है, जो कि आज मौजूदा फसली में वर्ग 1 ;खद्ध की भूमि में दर्ज है उसको शीघ्र ही भूमिधरी के अधिकार दिए जाएं।
उधर किसानों के निजी खेतों में वानिकी तथा फलदार वृक्ष खासतौर से आम के पेड़ के बाग को किसानों द्वारा स्वयं कटवाने की स्वतंत्रता देने की मांग को लेकर भी ज्ञापन दिया, जिसमंे कहा गया है कि वर्तमान में किसान आम के पेड़ तथा वानिकी के पेड़ लगाने से दूर होते जा रहे हैं। क्योंकि उन्हें मालूम है कि अगर एक बार उसने अपने खेत में आम के पेड़ तथा वानिकी के पेड़ लगा लिए, तो उसे अगर उसकी भविष्य की प्लानिंग को बदलता है, तो उसे पेड़ कटवाने की अनुमति आसानी से नहीं मिल पाएगी। उन्होंने मांग की है कि ऐसे नियमों को समय के अनुसार बदलना चाहिए। इस दौरान किसान विकास क्लब अध्यक्ष अरूण शर्मा, अवधेश चौबे, नृपेन्द्र चौखरी, भीम सिंह, उपेन्द्र शर्मा, राजवीर मिश्रा, दीपक चौधरी, सत्यम शर्मा आदि मौजूद थे।