काशीपुर से विश्व मंच तक, रोहित राणौत ने दिलाई भारत को ऐतिहासिक जीत

काशीपुर। संघर्ष और समर्पण की भावना को साकार करने वाली प्रेरणादायक यात्रा में, काशीपुर के रोहित राणौत ने भारतीय अंडर-19 बैडमिंटन टीम को गुवाहाटी में आयोजित विश्व चैम्पियनशिप में ऐतिहासिक जीत दिलाकर पूरे शहर को गर्व से भर दिया है।
साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले रोहित की यात्रा काशीपुर की तंग गलियों से लेकर अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन मंच तक पहुँचना किसी प्रेरणा से कम नहीं है। स्वयं एक पूर्व अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी रह चुके रोहित ने अगली पीढ़ी के चैंपियंस को तैयार करने के लिए कोचिंग की राह चुनी और उनकी मेहनत रंग लाई जब भारतीय टीम ने उनके मार्गदर्शन में इतिहास रचते हुए मिश्रित टीम चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता, जो अब तक का पहला मौका है। कैप्टन पी. एस. राणौत के पुत्र रोहित ने अनुशासन, ईमानदारी और समर्पण के मूल्यों के साथ परवरिश पाईकृ यही गुण उनकी कोचिंग फिलॉसफी में झलकते हैं, जिसे उन्होंने दिल्ली के एम. वी. बिष्ट बैडमिंटन अकादमी और हैदराबाद स्थित पी. गोपीचंद के राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर में निखारा। जीत के बाद रोहित ने अपने दल पर गर्व और अपनी जड़ों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा, “काशीपुर हमेशा मेरा घर रहेगा यहीं से मेरे सपने शुरू हुए थे। मैं चाहता हूँ कि यह जीत छोटे शहरों के और युवाओं को ऊँचे सपने देखने और मेहनत करने के लिए प्रेरित करे।” भारत की जीत और रोहित की उपलब्धि की खबर फैलते ही पूरा काशीपुर समुदाय गर्व से झूम उठा।कृअपने उस लाल की खुशी में, जो दृढ़ निश्चय, विनम्रता और उत्कृष्टता का प्रतीक बन गया है।