काशीपुर। “हर-हर काशी, घर-घर पासी” नारे के साथ भाजपा के पूर्व सांसद बलराज पासी द्वारा काशीपुर में निकाली गई समर्थन पदयात्रा में स्थानीय भाजपा के बड़े नेताओं का शामिल न होना कई सवाल खड़े कर रहा है। बीते कुछ दिनों से बलराज पासी सोशल मीडिया के माध्यम से आहवान कर रहे थे कि 28 नवम्बर को उनके द्वारा निकाली जाने वाली पदयात्रा को समर्थन देकर काशीपुर में उनके एवं भाजपा को मजबूत करें। आज सुबह तमाम लोग किला तिराहा पहुंचे और समर्थन पद यात्रा में शामिल हुए। इनमें से अधिकांश बाजपुर, जसपुर, गौशाला, महुआखेड़ागंज आदि स्थानों के थे। इनमें से कुछ को पता ही नहीं था कि वे किसके कार्यक्रम में आये हैं। पूछने पर कहा, हम “पासवान” की रैली में आए हैं। बताया जा रहा है कि कार्यक्रम में शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय के नाम से भीड़ जुटाई गई थी। इसके चलते स्कूली बसों के जरिए छात्रों को भी रैली में बुलाया गया था। जिनके द्वारा शिक्षा मंत्री पांडेय का स्वागत कराने का कार्यक्रम तय था। लेकिन शिक्षा मंत्री नहीं आए। लिहाजा, भाजपा का बताया गया आज की यह पदयात्रा कई सवाल उठा रही है। सवाल ये कि आखिर किन परिस्थितियों के चलते पासी ने यह कार्यक्रम आयोजित किया? इससे किसे फायदा और किसे नुकसान का आंकलन लगाया गया ? सवाल ये भी है कि इसके लिए स्थानीय भाजपा नेताओं को निमंत्रण क्यों नहीं दिया गया? बहरहाल, पूर्व सांसद पासी स्थानीय नेताओं और आम जनता में राजनीतिक तौर पर अपनी मजबूत छाप छोड़ने में विफल साबित हुए हैं।