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काशीपुर में कोई भी निःशुल्क सार्वजनिक शौचालय व मूत्रालय नहीं

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काशीपुर में कोई भी निःशुल्क सार्वजनिक शौचालय व मूत्रालय नहीं
सुलभ इंटरनैशनल द्वारा संचालित सः शुल्क 11 सुलभ शौचालय

काशीपुर में कोई भी निःशुल्क सार्वजनिक शौचालय व मूत्रालय नहीं
काशीपुर में कोई भी निःशुल्क सार्वजनिक शौचालय व मूत्रालय नहीं

नगर निगम द्वारा सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन को उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ खुलासा
काशीपुर। उत्तराखंड में पांचवेें सबसे अधिक आबादी वाले नगर काशीपुर में कोई भी निःशुल्क सार्वजनिक शौचालय व मूत्रालय (पेशाबघर) नहीं है। नगर में सुलभ इंटरनेशनल द्वारा संचालित 11 सुलभ शौचालय है जिसमें केवल 31 सीटें हैं। इन पर शौच हेतु रू.7 शुल्क वसूला जाता हैं। यह खुलासा सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन (एडवोकेट) को नगर निगम के लोक सूचना अधिकारी द्वारा उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ हैं।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन (एडवोकेट) ने नगर निगम कााशीपुर के लोक सूचना अधिकार से निःशुल्क शौचालय तथा मूत्रालयों तथा सःशुल्क शौचालयों व मूत्रालयों की सूचना चाही गयी है। इसके उत्तर में लोक सूचना अधिकारी/सहायक नगर आयुक्त काशीपुर ने अपने पत्रांक 946 दिनांक 20-11-2025 से सूचना उपलब्ध करायी गयी है।
श्री नदीम को उपलब्ध सूचना के अनुसार काशीपुर नगर क्षेत्र में निःशुल्क शौचालय व मूत्रालयों की संख्या शून्य हैं। सःशुल्क शौचालयों में सुलभ इंटरनेशनल सोशल सर्विस आर्गनाइजेशन द्वारा संचालित 11 सार्वजनिक शौचालय है जिसमें कुल 31 सीटें उपलब्ध हैं। इसके लिये उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद द्वारा पंत्रांक 79 दिनांक 4 अप्रैल 2024 से शुल्क नियत किया गया है। यह सेवा शुल्क शौच हेतु सात रूपये तथा स्नान हेतु 10 रू. है।
काशीपुर नगर क्षेत्र में स्थित सःशुल्क सुलभ शौचालयों में 5-5 सीट के सुलभ शौचालय काशीपुर तहसील, टांडा तिराहा तथा जसपुर प्राइवेट बस अड्डे पर स्थित है जबकि 2-2 सीटों के सुलभ शौचालय जी.जी.आई.सी, स्टेडियम, डिजाइन सेंटर, काशीपुर रोडवेज, नगर निगम गेट, पन्त पार्क, पुरानी सब्जी मण्डी, जी.जी.आई.सी वार्ड 19 पर स्थित है।
नगर निगम सफाई एम्बेसडर, सूचना अधिकार कार्यकर्ता तथा माकाक्स अध्यक्ष नदीम उद्दीन एडवोकेट ने कहा कि नगर निगम क्षेत्र को गंदगी से मुक्त रखने के लिये नगर के प्रत्येक क्षेत्र में निःशुल्क शौचालयों की व्यवस्था की जानी चाहिये। इनके अभाव में बाजार की गलियों में मूत्र की बदबू के कारण निकलना तथा वहां के निवासियों का रहना दूभर हो गया है। यह स्पष्टतः उनके जीवन के अधिकार जिसमें स्वच्छ पर्यावरण का अधिकार भी शामिल है का खुला उल्लंघन है।
नगर निगम अधिनियम की धारा 114(5) के अन्तर्गत सार्वजनिक शौचालयों व मूत्रालयों की स्थापना तथा रख रखाव नगर निगम का अनिवार्य कार्य हैं। इससे केवल सुलभ इंटरनैशनल के रख रखाव वाले कुछ शौचालयों के आधार पर नगर निगम अपने कर्तव्य व दायित्वों की इतिश्री नहीं कर सकता है।