काशीपुर। पूर्व विधायक हरभजन सिंह चीमा ने कहा है कि जसपुर राजस्व क्षेत्र के 19 गांवों के काशीपुर तहसील में शामिल होने के बाद भरतपुर न्याय पंचायत के ग्रामीणों की वर्षों पुरानी मांग पूरी हो गई है। इससे इन गांवों के वाशिंदों में खुशी व राहत महसूस की जा रही है।
वर्ष 2003 में जसपुर तहसील के गठन के बाद काशीपुर तहसील के 19 गांवों करनपुर, हरियावाला, शाहगंज, किलावली, दुर्गापुर, नवलपुर, गढ़ीनेगी, भरतपुर, गिरधई मुंशी, बाबरखेड़ा एवं मजरा श्यामनगर, लालपुर, कुंडा, गणेशपुर, केसरीपुर, बक्सोरा, टीला, बैंतवाला, बग्वाड़ा, पस्तौरा आदि को जसपुर से जोड़ दिया गया था। जसपुर की दूरी ज्यादा होने से ग्रामीणों के लिए परेशानी खड़ी हो गई। काशीपुर नगर से सटे इन गांवों के लोग इसका विरोध कर अपने गांवों को वापस काशीपुर में शामिल करने की मांग कर रहे थे। उनका कहना था कि बैंकों, सहकारी समितियों, बाजार आदि के सभी कार्य काशीपुर से ही संचालित होते हैं, ऐसे में इन गांवों को जसपुर में शामिल करना कतई उचित नहीं है। ग्रामीणों की मांग थी कि काशीपुर रजिस्ट्रार ऑफिस में बैनामों के प्रति टोकन मिलने की व्यवस्था करने का आदेश पारित किया जाए। इस पर शासन द्वारा त्वरित संज्ञान लेते हुए बीती 24 अगस्त को सरकार द्वारा कैबिनेट में प्रस्ताव पास कर काशीपुर में बैनामों के प्रति टोकन व्यवस्था की स्वीकृति प्रदान की गई। इससे भरतपुर न्याय पंचायत के 19 गांवों के वाशिंदों में खुशी व राहत महसूस की जा रही है।