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कानून हाथ में लेने वालों को कतई नहीं बख्शा जाएगा :  महापौर दीपक बाली

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कानून हाथ में लेने वालों को कतई नहीं बख्शा जाएगा :  महापौर दीपक बाली

कानून हाथ में लेने वालों को कतई नहीं बख्शा जाएगा और कड़ी करवाई अमल में लायी जाएगी :  महापौर दीपक बाली
कानून हाथ में लेने वालों को कतई नहीं बख्शा जाएगा :  महापौर दीपक बाली

काशीपुर।  महापौर दीपक बाली ने आज अपने कार्यालय में प्रेस वार्ता कर हाल ही में मौ. अल्लीखां क्षेत्र में निकाले गए बिना अनुमति “आई लव मोहम्मद” जुलूस के दौरान हुई अराजकता और ई-रिक्शा चालकों द्वारा रजिस्ट्रेशन शुल्क का विरोध जैसे मुद्दों पर स्पष्ट रुख अपनाया। महापौर ने कहा कि नियमों का पालन सख्ती से कराया जाएगा और किसी भी तरह की गुंडागर्दी या अराजकता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि परसों हुई घटना में पुलिस पर हमला, वाहनों मे तोड़फोड़ और माहौल बिगाड़ने की कोशिश करने वालों पर तत्काल कार्रवाई की गई है। सात लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिनमें मुख्य आरोपी भी शामिल हैं। बाकी आरोपियों पर भी जल्द कड़ी कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पुष्कर सिंह धामी जी की सरकार है लिहाजा कानून हाथ में लेने वालों को कतई नहीं बख्शा जाएगा और कड़ी करवाई अमल में लायी जाएगी। महापौर ने जनता से अफवाहों पर ध्यान न देने और भयमुक्त माहौल बनाए रखने की अपील की।

महापौर बाली ने कहा कि काशीपुर नगर निगम अवैध निर्माण और अतिक्रमण को किसी भी कीमत पर सहन नही करेगा। उन्होंने बताया कि ई-रिक्शा संचालन भी अव्यवस्थित तरीके से हो रहा है। शहर में करीब 8,000 ई-रिक्शा चल रहे हैं, जबकि 4,000 के आसपास ही एआरटीओ में रजिस्टर्ड हैं। कई लोगों ने ठेकेदारी प्रणाली बना रखी है और सौ-सौ ई-रिक्शा खरीदकर दिहाड़ी पर चलवा रहे हैं। इस व्यवस्था को खत्म करने और केवल पारिवारिक स्तर पर रोजगार को बढ़ावा देने के लिए ही नगर निगम ने शुल्क और रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था लागू की है।

महापौर ने बताया कि 8 अक्टूबर से 24 अक्टूबर तक ई-रिक्शा रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया नगर निगम में शुरू की जाएगी। एक नाम से केवल एक ही ई-रिक्शा रजिस्टर्ड होगा। रजिस्ट्रेशन शुल्क पहले वर्ष ₹1000 और उसके बाद हर साल नवीनीकरण शुल्क ₹500 रखा गया है। उन्होंने कहा कि यह शुल्क ई-रिक्शा चालकों के हित में है, जिससे हेल्थ कैंप, स्टैंड, पीने का पानी और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।

महापौर ने स्पष्ट कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करना लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन हड़ताल के नाम पर जबरन ई-रिक्शा चालकों को रोकना और मारपीट करना गुंडागर्दी है, जिसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने जनता और ई-रिक्शा चालकों से नियमों का पालन करने और नगर निगम की व्यवस्था में सहयोग देने की अपील की।

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