अब भी जब कोई राधा श्याम से बिछड़ती ह्रै ।
अनिल शर्मा
ठाकुरद्वारा ( मुरादाबाद )
नगर में सात साहित्य मंच की ओर से एक शाम राष्ट्रीय एकता के नाम अखिल भारतीय हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया I
बीती देर रात अंतरराष्ट्रीय कवि शरीफ भारती के नेतृत्व में शहनाई मंडप में कवि सम्मेलन आयोजित किया गया I कार्यक्रम का शुभारंभ उप जिला अधिकारी परमानंद ने दीप प्रज्वलित कर शुरू किया I सर्वप्रथम संचालन कर्ता फाकिर अदीब कवि ने कहा
आसमान रोता है यह जमी कि सकती है ।
आज भी जब कोई राधा श्याम से बिछड़ती है ।
भोली भाली एक लड़की हाथ में लिए राखी जगमगाते हाथों से हसरतों से तकती है । इन पंक्तियों को सुन वहां पर मौजूद श्रोता गण मंत्रमुग्ध हो गए ।
कवित्री खुशबू शर्मा ने निराले अंदाज में पंक्तियां प्रस्तुत कर कहा कि ,
अपने मां-बाप की आंखों से उड़ा दूं नींदे I
इस तरहा के भी कभी सपने नहीं देखती मैं ।
कार्यक्रम के दौरान डॉ महशर आफरीदी ने अपनी पंक्तियां पेश करते हुए कहा कि
मुझेआकर कब्र में मुझको हुआ है, ये एहसास
मैं अपने घर में जो था तो अजाव था ।
इसी के साथ डॉ मुकेश दर्पण ,शाइस्ता सना, सत्यपाल सत्यम जहाज देवबंदी सरताज आकिब खान असलम मस्तान आदि ने अपने कलाम पेश किए I कार्यक्रम में सपा विधायक नवाब जान खान साहित्य मंच के अध्यक्ष डॉ यूसुफ बहादुर खान वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिरुद्ध चौहान हाजी याकूब कुरैशी, सचिव शरीफ भारती सभासद सोहेल खान क्षेत्र के श्रोताओं ने पूरी रात्रि कवि सम्मेलन का आनंद लिया ।