देहरादून। उत्तराखंड समेत ऐसे राज्यों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना में अधिक चावल मिलेगा, जहां चावल और गेहूं की न्यूनतम समर्थन मूल्य ;एमएसपीद्ध पर खरीद होती है। केंद्र सरकार की इस व्यवस्था से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में शामिल प्रदेश की 61.94 लाख पात्र व्यक्तियों को आगामी जून माह से गेहूं की मात्रा आधे से भी कम तो चावल दोगुना मिलेगा। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत 15 हजार रुपये से कम आमदनी वाले लगभग 23.80 लाख राशनकार्ड हैं। इन राशनकार्डधारकों को अभी तक प्रति यूनिट दो किलो चावल और तीन किलो गेहूं मिलता रहा है। इन राशनकार्डों के अंतर्गत 61.94 लाख यूनिट हैं। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को सितंबर माह तक बढ़ाया है। इसके तहत मिलने वाले खाद्यान्न के कोटे में बदलाव किया गया है। दरअसल, उत्तराखंड समेत देश के विभिन्न राज्यों में एमएसपी पर गेहूं की खरीद में भारी कमी आई है। इस बार किसानों को एमएसपी से काफी ज्यादा कीमत बाजार में मिल रही है। परिणामस्वरूप गेहूं की सरकारी खरीद कम हो गई है। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने सिर्फ उन्हीं राज्यों का गेहूं का वर्तमान कोटा बरकरार रखा है, जहां सिर्फ गेहूं की ही खरीद होती है अथवा गेहूं की खरीद काफी अधिक की जाती है। उत्तराखंड में गेहूं और चावल दोनों की ही एमएसपी पर खरीद की जाती है। महत्वपूर्ण यह है कि गेहूं की तुलना में चावल की सरकारी खरीद अधिक होती है। उत्तराखंड के साथ दिल्ली, बंगाल, झारखंड, गुजरात, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के लिए भी गेहूं के कोटे में कमी की गई है। अब प्रदेश के राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के राशनकार्डधारकों को जून माह से एक किलो गेहूं और चार किलो चावल राशन की दुकानों से दिया जाएगा।