देहरादून। इंटरनेट मीडिया में कभी सैन्यकर्मी बनकर, सेना के
नाम पर रोजगार दिलाने का झांसा देकर जालसाजी करने वालों की अब खैर नहीं होगी। पुलिस एवं अन्य एजेंसियों के
साथ ही मिलेट्री इंटेलीजेंस भी जांच में जुट गई है। जो ऐसे लोगों पर नजर रखेगी। इन दिनों ओएलएक्स जैसे प्लेटफार्म पर कार, स्कूटी, बाइक, फ्रिज, एसी आदि की बिक्री के लिए साइबर ठग ग्राहक को जाल में फांस लेते हैं। फिर आनलाइन ठगी को अंजाम देते हैं। आए दिन ऐसे मामले साइबर थाने में भी दर्ज किए जा रहे.हैं। इसके अलावा सैन्य भर्ती के नाम पर भी बेरोजगारों को छला जा रहा है।ऐसे मामलों को देखते हुए सेना की खुफिया विंग भी जांच में जुट गई है। उत्तराखंड सब एरिया के जनरल आफिसर कमांडिंग (जीओसी) मेजर जनरल संजीव खत्री ने बताया कि सैन्य अधिकारी व कर्मी को इंटरनेट मीडिया पर प्रोफाइल बनाने की अनुमति ही नहीं होती है। यदि कोई व्यक्ति इस तरह की प्रोफाइल को देखकर बातचीत करता है या सामान आदि खरीदने व बेचने के लिए संपर्क करता है
तो उसे सतर्क रहने की जरूरत है।