काशीपुर। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री एवं पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत द्वारा चंडीगढ़ में पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और 4 कार्यकारी अध्यक्षों को ‘पंज प्यारे’ कहकर संबोधित किये जाने वाले बयान पर काशीपुर के सिख समुदाय में भारी रोष उत्पन्न हो गया है। बयान पर कड़ी आपत्ति करते हुए उत्तेजित सिख समाज ने कहा एक वरिष्ठ और अनुभवी नेता को किसी की धार्मिक भावनाओं को आहत करना शोभा नहीं देता। निश्चित रूप से हरीश रावत का यह बयान दुर्भाग्यपूर्ण है l सिख वक्ताओं ने कहा कि कांग्रेस पार्टी की मानसिकता सिखों के प्रति आज तक नहीं बदल सकी है। कांग्रेस ने वर्ष 1984 का सिखों का जख्म फिर से हरा कर दिया है। वक्ताओं ने कहा कि हरगोविंद राय जी ने पहले पांच प्यारों को अमृतपान कराया, तदुपरांत इन पंच प्यारों से अमृत पान करने के पश्चात वे गोविंद सिंह बने और उनके द्वारा उसी दिन सिख धर्म की स्थापना की गई। वक्ताओं ने मांग की कि सिखों के प्रति अशोभनीय बयान देने वाले हरीश रावत कांग्रेस महासचिव पद से भी तत्काल इस्तीफा दें। कहा कि कांग्रेस सिखों के प्रति जरा भी सम्मान रखती है तो हरीश रावत को पार्टी से बर्खास्त करे अन्यथा समूचे तराई क्षेत्र में आंदोलन किया जाएगा। उत्तेजित सिखों ने यहां एमपी चौक के निकट हरीश रावत का पुतला भी फूंका। इस अवसर पर गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष जगजीत सिंह कोहली, जसपाल सिंह चड्ढा, सतविंदर सिंह, सुखविंदर सिंह, जसवीर सिंह, जितेंद्र छाबड़ा, गुरविंदर सिंह चंडोक, सुखविंदर सिंह टिंका, दिलप्रीत सिंह सेठी, एडवोकेट केवल सिंह, गुरविंदर सिंह कोहली, गुरबख्श सिंह, सरबजीत सिंह, जसवीर सिंह, कमलजीत सिद्धू अमरपाल सिंह गुरुदेव सिंह, अजायब सिंह नागरा, चरणजीत सिंह आनंद, परमजीत सिंह चंडोक, मनीष खरबंदा, गोल्डी आनंद, बिन्टा गिल, सलविंदर सिंह, सतनाम सिंह, रंजीत सिंह, प्रधान दरबारा सिंह, बलविंदर सिंह आदि थे।