नई दिल्ली । युवती के परिवार द्वारा अलग गए किए गए नवविवाहित दंपति को दिल्ली हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद आखिरकार दोबारा मिला दिया.गया। उत्तर प्रदेश के एटा से लाकर न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मृदुल व न्यायमूर्ति एजे भंभानी की पीठ के समक्ष पेश हुई युवती ने पीठ को बताया कि घर से निकलने के दौरान उनके परिवार के कुछ सदस्यों ने धमकी दी कि अगर
वह उनकी अनुमति के बगैर गई तो परिणाम भुगतने को तैयार रहे। इस पर पीठ ने दिल्ली के आनंद पर्बत थाना एसएचओ दंपति को सुरक्षा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा कि नवविवाहित दंपति एक साथ रह रहे हैं और अब मामले में आगे सुनवाई की जरूरत नहीं है। ऐसे में याचिका का निपटारा किया जाता है। दिल्ली पुलिस की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता संजय लाउ ने पीठ को बताया कि याचिकाकर्ता नितिन शर्मा को उनकी पत्नी अंजली से मिला दिया गया और दोनों दिल्ली स्थित अपने घर में रह रहे हैं। इस पर पीठ ने कहा अंत भला तो सब भला। दो अगस्त को मामले में सुनवाई के दौरान वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से पेश हुए अंजली ने नितिन के पास दिल्ली में रहने की इच्छा.जाहिर की थी। इस पर पीठ ने उत्तर प्रदेश की एटा पुलिस व दिल्ली पुलिस को तत्काल अंजली को दिल्ली लाकर नितिन से मिलाने का निर्देश दिया था। अदालत के आदेश पर अंजली को दिल्ली लाकर नितिन से मिलाया गया। अधिवक्ता एमएल यादव के माध्यम से बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर कर नितिन ने आरोप.लगाया था कि अंजली के स्वजन उसे दिल्ली वापस नहीं आने दे रहे हैं और उसे
उनके साथ वैवाहिक घर में रहने से रोक रहे हैं। याचिका के अनुसार नितिन और अंजली ने दस जून 2021 को रोहिणी स्थिति आर्य समाज मंदिर में शादी की थी और इसके बाद वे आनंद पर्वत इलाके में घर बनाया था। याचिका में आरोप लगाया गया कि इसके बाद अंजली के स्वजन ने दोनों को अगल कर दिया और अंजली को लेकर एटा के मिरहची लेकर चले गए। इसके बाद उसे उसकी इच्छा के खिलाफ उसे स्वजन ने बंधक बनाकर रखा है।