अहमदाबाद। 21वीं सदी में लोग अंधश्रद्धा से मुक्त नहीं हो पाए हैंद्य ऐसे लोग किसी लालचवश पाखंडी तांत्रिक के कहने पर नर बलि चढ़ाने से पीछे नहीं हटतेद्य ऐसी ही एक घटना केन्द्र शासित प्रदेश सिलवासा से सामने आई है जहां शक्तिशाली और अमीर बनने की लालच में तीन लोगों ने 9 साल के मासूम को बलि चढ़ा दिया हैद्य सिलवासा पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया हैद्य दरअसल गत 31 जनवरी को वलसाड जिले के वापी के करवड के निकट से गुजरती दमनगंगा नहर से एक किशोर की क्षतविक्षत लाश मिली थीद्य शव देखते ही स्पष्ट हो गया था कि यह हत्या का मामला है लेकिन मृतक किशोर कौन था? इसका पता लगाने के लिए सिलवासा पुलिस ने लापता बच्चों का ब्यौरा खंगालाद्य जिसमें पता चला कि 39 दिसंबर को दादरा नगर हवेली के सायली गांव निवासी कोहला परिवार का 9 वर्षीय चैता लापता थाद्य घर के आंगन खेल रहे चैता के लापता होने पर परिजनों ने पूरे गांव समेत आसपास सभी जगह खोजबीन की परंतु उसकी कोई खैरखबर नहीं मिलीद्य जिसके बाद परिवार ने पुलिस थाने में चैता की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवा दीद्य बाद में दादरा नगर हवेली के सायली के स्मशान के निकट से एक बच्चे का पैर और सिर बरामद हुईद्य पैर में बंधी डोरी से परिवार ने चैता की पहचान की और वहां से नर बलि की आशंका से परिवार स्तब्ध रह गयाद्य पुलिस की जांच में साफ हो गया है कि चैता की बलि चढ़ाई थीद्य पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि मासूम चैता की हत्या में 53 वर्षीय रमेश शनवर 28 वर्षीय शैलेष कोहकरे और एक नाबालिग शामिल हैद्य अधेड आरोपी रमेश शनवर शक्तिशाली और अमीर बनना चाहता था और इसके लिए मैली विद्या की योजना बनाई और मित्र शैलेष कोहकरे को बताईद्य शैलेष ने रमेश को बताया कि सायली स्थित चिकन शोप में एक नाबालिग लड़का कसाई काम करता है और वह मैली विद्या का जानकार हैद्य नाबालिग की मदद से मैली विद्या की योजना बनाने के बाद सायली में रहनेवाले 9 वर्षीय चैता का अपहरण किया गयाद्य बाद में मैली विद्या के तहत चैता की एक ही वार में बलि चढ़ा दी गईद्य