लखनऊ। केन्द्र सरकार के स्वच्छ भारत मिशन 2021 में उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ ने 257 पायदान की लंबी छलांग लगा कर देश में 12वां और प्रदेश में पहला स्वच्छ शहर बनने का गौरव हासिल किया है। वहीं वाराणसी सर्वाधिक स्वच्छ गंगा तटीय शहर बना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस उपलब्धि पर राज्य की जनता को बधाई दी है। केन्द्रीय आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा शनिवार को नई दिल्ली में आयोजित ‘स्वच्छ अमृत महोत्सव-2021श् में उत्तर प्रदेश के 18 शहरों को स्वच्छता के विभिन्न मानकों पर खरा उतरने के लिये पुरस्कृत किया गया।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सभी चयनित शहरों को सम्मानित किया। इसके तहत कानपुर को सफाई के मामले में 21वीं रैंक हासिल हुयी है। प्रदेश में साफ सुथरे शहरों की फेहरिस्त में लखनऊ अव्वल रहा है। वहीं वाराणसी को गंगा का सर्वश्रेष्ठ तटीय शहर (नम्बर वन बेस्ट गंगा टाउन) का पुरस्कार प्रदान किया गया। वाराणसी को यह पुरस्कार एक लाख से अधिक आबादी वाले नगरों की श्रेणी में दिया गया। एक लाख तक की आबादी वाले शहरों की श्रेणी में कन्नौज को ‘नम्बर वन बेस्ट गंगा टाउनश् का पुरस्कार मिला। प्रदेश की राजधानी लखनऊ को जनता के फीडबैक के आधार पर सर्वश्रेष्ठ राजधानी (बेस्ट स्टेट कैपिटल इन सिटीजन फीडबैक) का पुरस्कार दिया गया। मेरठ को 10 लाख से 40 लाख तक की आबादी वाले शहरों की श्रेणी में सबसे तेजी से उभरते महानगर (फास्टेस्ट मूवर बिग सिटी) तथा इसी श्रेणी में गाजियाबाद को नवाचार युक्त श्रेष्ठ उपाय करने वाले महानगर (बेस्ट बिग सिटी इनोवेशन एण्ड बेस्ट प्रैक्टिसेज) पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में संचालित स्वच्छता अभियान के फलस्वरूप साफ-सफाई के सम्बन्ध में देश में व्यापक स्तर पर जनजागरूकता सृजित हुई। रक्षा मंत्री एवं लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह ने इस उपलब्धि पर लखनऊ वासियों को बधाई देते हुये ट्वीट किया ‘‘पिछले कुछ वर्षों में स्वच्छता की द्दष्टि से, लखनऊ शहर में बहुत बदलाव आया है और देश भर में उसकी रैंकिंग में लगातार सुधार हुआ है। लखनऊ महज कुछ वर्षों में 269 से लम्बी छलांग लगा कर देश में 12वाँ और प्रदेश में सबसे अधिक स्वच्छ शहर बन गया है। इसके लिए पूरे लखनऊवासियों को बधाई।श्श् सर्वेक्षण में नोएडा को 03 लाख से 10 लाख तक के आबादी के शहरों की श्रेणी में देश का सबसे साफ मध्यम श्रेणी के शहर (इण्डियाज क्लीनेस्ट मीडियम सिटी) का पुरस्कार मिला। इसी तरह हापुड़ शहर को एक लाख से अधिक आबादी वाले शहरों की श्रेणी में सर्वाधिक नागरिक भागीदारी वाला सर्वश्रेष्ठ शहर (बेस्ट सिटी इन मैक्सीमम सिटीजन्स पार्टीसीपेशन) का पुरस्कार मिला। पटियाली को 01 लाख से कम आबादी वाले शहरों की श्रेणी में सर्वाधिक नागरिक भागीदारी वाला सर्वश्रेष्ठ कस्बा (बेस्ट सिटी इन मैक्सीमम सिटीजन्स पार्टीसीपेशन) पुरस्कार से सम्मानित किया गया। हसनपुर शहर को 50 हजार से 01 लाख की श्रेणी में तेजी से आगे बढ़ते छोटे शहर (फास्टेस्ट मूवर सिटी) पुरस्कार से सम्मानित किया गया। आवागढ़ शहर को 25 हजार आबादी वाले शहरों की श्रेणी में एवं गजरौला को 50 हजार से 01 लाख की श्रेणी में ‘बेस्ट सिटी इन सिटीजन फीडबैकश् पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसी के साथ मेरठ कैंट को एक लाख की आबादी वाले शहर की श्रेणी में ‘इण्डियाज क्लीनेस्ट कैण्टोनमेण्टश् के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। साथ ही वाराणसी कैंट को एक लाख से अधिक आबादी वाले शहर की श्रेणी में ‘बेस्ट कैण्टोनमेण्ट इन सिटीजन फीडबैकश् के पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसी तरह कचरा मुक्त शहरों (गार्बेज फ्री सिटी) की श्रेणी में प्रदेश के 05 शहरों को स्टार रेटिंग का पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। इसमें 10 लाख की आबादी से अधिक शहरों की श्रेणी में लखनऊ एवं गाजियाबाद को, 01 लाख से 10 लाख की आबादी वाले शहरों की श्रेणी में नोएडा, अलीगढ़ एवं झाँसी को स्टार रेटिंग का पुरस्कार मिला। एक अन्य ट्वीट में लखनऊ के सांसद राजनाथ सिंह ने कहा ‘‘मुझे ख़ुशी है कि स्वच्छ भारत मिशन द्वारा जारी स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 की रैकिंग में पूरे उत्तर प्रदेश में लखनऊ पहले स्थान पर है। निश्चित रूप से लखनऊ वासियों के लिए यह बड़ी उपलब्धि है। इसके लिए मैं लखनऊ की महापौर, श्रीमती संयुक्ता भाटिया एवं उनकी पूरी टीम को हार्दिक बधाई देता हूं।श्श् सर्वेक्षण में कानपुर ने उत्तर प्रदेश में तीसरा स्थान हासिल किया है, जबकि देश में उसका 21वां स्थान है। 2020 में कानपुर 25वें स्थान पर था। देश के सबसे साफ सुथरे शहरों में मध्य प्रदेश के इंदौर ने बाजी मारी है। स्वच्छता सर्वेक्षण 2021 की रैकिंग में देश के चार हजार शहरों को शामिल किया गया था।