सोलन। नौणी विश्वविद्यालय के कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके) ने मिट्टी का इस्तेमाल किए बिना पहली बार पानी में चेरी टमाटर तैयार करने में सफलता हासिल की है। नौणी विश्वविद्यालय को जल प्रवाह तकनीक (हाइड्रोपोनिक) से दो साल बाद इस परीक्षण में सफलता मिली है। चेरी टमाटर का तड़का लगाने के अलावा सलाद के रूप में सेवन किया जाता है। इसमें विटामिन सी की प्रचूर मात्रा होगी। कोविड, बुखार, जुकाम के मरीजों के लिए यह टमाटर फायदेमंद होगा।
नौणी विवि ने हाइड्रोपोनिक तकनीक से गमले में चेरी टमाटर की किस्म तैयार की। इससे पहले यह किस्म खेतों में उगाई जाती थी। पहली बार इसे पानी में तैयार किया गया है। केवीके की ओर से पिछले दो वर्षों से इस पर शोध किया जा रहा था। इससे पहले इस तकनीक से पत्ता गोभी और पालक तैयार किया गया था। शोध सफल होने के बाद अब इसका प्रशिक्षण किसानों को दिया जाएगा। हाइड्रोपोनिक तकनीक से पॉलीहाउस, रसोई घर, दीवार या किसी कमरे में प्लास्टिक के गमलों में विशेष आकार के पाइपों का जाल बनाकर इसमें एक बार पानी डाला जाता है। यह पानी करीब 15 मिनट तक रोटेशन में चलता रहता है। इस पानी में वे पोषक तत्व मिलाए जाते हैं, जो मिट्टी में होते हैं। हाइड्रोपोनिक से बिना बीमारी के चेरी टमाटर तैयार किया जा सकता है। मौसम के बदलाव, दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों और सिंचाई के अभाव वाले प्रदेश के इलाकों में यह तकनीक सबसे अधिक लाभदायक होगी। हाइड्रोपोनिक तकनीक से पहली बार चेरी टमाटर तैयार करने का सफल प्रशिक्षण किया गया है। इसमें विटामिन सी भरपूर मात्रा में है। अब अगले वर्ष तक इसका प्रशिक्षण किसानों को भी दिया जाएगा। इससे किसान मुनाफा कमा सकेंगे। पौधों को मिट्टी से होने वाली बीमारियों का खतरा भी नहीं होगा। – डॉ. सीमा ठाकुर, वरिष्ठ वैज्ञानिक, केवीके सोलन