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भगवान श्री कृष्ण और रुक्मणी विवाह की कथा सुन जमकर झूमे श्रद्धालु

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अनिल शर्मा

ठाकुरद्वारा। तहसील परिसर में स्थित प्राचीन श्री शिव हनुमान मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन पवन श्री कृष्ण मणि विवाह की कथा सुनकर श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो झूमने लगे l
अयोध्या धाम से आए पंडित आशुतोष महाराज ने बड़े ही मनोहर ढंग से भगवान श्री कृष्ण ने रुक्मणी विवाह का वृतांत सुनाते हुए कहा कि स्त्री सम्मान का महत्व बताते हुए कहा कि इससे उन्नति का मार्ग प्रशस्त होता है।
कथा में आशुतोष महाराज ने कहा कि सभी को सदैव स्त्रियों का सम्मान करना चाहिए। किसी भी रूप में उनका अपमान ना करें क्योंकि इससे दु:ख तो मिलता ही है, उन्नति के मार्ग भी बंद हो जाते हैं। उन्होंने दोहराया कि स्त्री सम्मान से ही उन्नति के मार्ग प्रशस्त हो सकते हैं। धर्म ग्रंथों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक युग में भी ऋषि और मुनियों ने स्त्री महत्व को स्वीकारा है। सतयुग, त्रेता और द्वापर सहित तीनों युगों में स्त्री सम्मान को सर्वोपरि बताया गया है। ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यंते तत्र रमंते देवता’ का जिक्र करते हुए आशुतोष महाराज ने कहा कि जहां स्त्रियों का सम्मान होता है और उनकी पूजा होती है, वहां देवता भी निवास करना पसंद करते हैं। इसलिए कभी भी स्त्रियों का अपमान नहीं करना चाहिए। गृहस्थ जीवन में स्त्री सम्मान को आवश्यक बताते हुए उन्होंने कहा कि पुरुष को कभी अपनी पत्नी पर हाथ नहीं उठाना चाहिए बल्कि उसे आदर-मान देते हुए अपने बराबरी का स्थान देना चाहिए, तभी गृहस्थी सुखपूर्वक चल सकती है। उन्होंने कहा कि पति-पत्नी गृहस्थी रूपी गाड़ी के दो पहिए हैं। सफल यात्रा के लिये दोनों में संतुलन आवश्यक है।

जीवन-मरण और विधि के विधान को एक-दूसरे का पर्याय बताते हुए आशुतोष महाराज ने कहा कि मनुष्य अगर अपने कर्मों की ओर इमानदारी से ध्यान देकर उनमें सुधार करे तो निश्चित ही उसका जीवन सफल हो सकता है। बिना वजह की चिंता करने के बजाय उसे अच्छे कर्मों की ओर ध्यान देना चाहिए। कथा के समापन पर प्रसाद वितरण किया गया l कार्यक्रम में पंडित नंदकिशोर शर्मा ,उत्तम कुमार ,अशोक गहलोत मास्टर हरगोविंद सिंह, अभय कुमार चौहान, राम रतन सिंह, संजीव अग्रवाल, कमला देवी, दीक्षा देवी, रेखा गहलोत, प्रियंका, गीता रानी आदि मौजूद रहे l

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