भक्ति वही कर सकता है जो अपनी इन्द्रियों का दमन कर दे: बृजेश पाठक

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काशीपुर। धर्मयात्रा महासंघ महानगर काशीपुर द्वारा आयोजित पुराना आवास विकास स्थित महाराजा अग्रसेन पार्क में पिछले छह दिनों से हो रही नवदिवसीय श्रीराम कथा की अमृत वर्षा के छठे दिन व्यास पीठ पर विराजमान कथा व्यास पं. बृजेश पाठक जी महाराज ने गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित श्रीराम चरित मानस के तृतीय सोपान में वर्णित भक्तिमति शबरी को अपनी नवधा भक्ति का जो उपदेश दिया है, उनमें से छठी भक्ति के विषय में बताते हुए कहा कि प्रभु श्रीराम कहते हैं कि उनकी भक्ति वही कर सकता है जो अपनी इन्द्रियों का दमन कर दे, शीलवान बने, निरंतर सच्चे धार्मिक कार्यों में भाग ले, अधर्म व दम्भ का त्याग करे। ‘छठ दम शील बिरति बहु करमा, निरत निरंतर सज्जन धरमा’। महाराज श्री ने कहा कि जब तक हमारी इन्द्रियां विषय रस में लीन हैं, हम भक्ति नहीं कर सकते। भगवान श्री कृष्ण की मुरली के गुणों का बखान करते हुए कहा कि मुरली चेतन को जड़ और जड़ को चेतन कर देती है। श्रीराम कथा से पूर्व व्यास पीठ का पूजन सेवानिवृत जिला न्यायाधीश प्रमोद कुमार अग्रवाल, विजय कुमार जिन्दल, रामनगर निवासी निरंजन कुमार अग्रवाल, सुरेश चन्द्र शर्मा, जेपी अग्रवाल, किशन सिंह विष्ट, रामेश्वर प्रसाद सर्राफ, अशोक कुमार अग्रवाल व अजय कुमार अग्रवाल ने किया।

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