पुलिस के उस जांबाज ने उनसे मोर्चा न लिया होता तो कुछ भी हो सकता था

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नई दिल्ली। लाइव तस्वीरें हैरान करने वाली थीं। जिस वैन में अंदर आफताब था उसके गेट को खोल दिया गया और तलवार लिए लोग आक्रामक दिख रहे थे। ऐसा लगा जैसे वे मरने-मारने के इरादे से आए हैं। दोनों को हिरासत में लिया गया और कोर्ट ने 14 दिन के लिए जेल भेज दिया। उनकी पहचान गुरुग्राम के कुलदीप और निगम के रूप में हुई है। उनके हथियार भी जब्त किए गए हैं। लेकिन पुलिस के उस जांबाज ने उनसे मोर्चा न लिया होता तो कुछ भी हो सकता था। तलवार लहराते लोगों के सामने अकेला आया वो बहादुर अफसर एक हाथ में गन लेकर हमलावरों को चुनौती देता रहा। वायरल वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे उसने वैन को सुरक्षित वहां से निकाला। घटना पर हिंदू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने कहा ‘इन कार्यकर्ताओं ने जो कुछ भी किया अपनी व्यक्तिगत भावनाओं में आकर किया है। पूरे देश को पता है कि पूनावाला ने एक हिंदू लड़की के टुकड़े-टुकड़े कर दिए। संगठन ऐसे किसी काम का समर्थन नहीं करता है जो भारत के संविधान के खिलाफ है। हम कानून में विश्वास करते हैं।’ इस घटना को सुरक्षा में बड़ी चूक माना जा रहा है क्योंकि पहले से ऐसे इनपुट थे कि हमला हो सकता है। इससे पहले पुलिस ने कोर्ट से अनुरोध भी किया था कि आफताब को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश करने की अनुमति दी जाए। तब पुलिस ने कहा था कि उन्हें ऐसी सूचना मिली है कि कुछ धार्मिक संगठन और शरारती तत्व आरोपी पर हमला कर सकते हैं। इसी दौरान एक हमलावर ने वैन के पीछे का गेट खोल दिया। हालांकि दरवाजा थोड़ा सा पहले से ही खुला था और एक पुलिसकर्मी अपनी राइफल ताने हुए था। इसी दौरान सब-इंस्पेक्टर ने गाड़ी से उतरकर मोर्चा संभाला। हवा में अपनी रिवॉल्वर लहराई और हमलावरों को पीछे हटने को कहा जिससे गाड़ी आगे जा सके। वह गाड़ी के साथ-साथ कुछ दूरी तक दौड़ते रहे। हमलवार फिर दौड़े लेकिन इस बार पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।

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