नई दिल्ली । राजधानीवासी गुरुवार से एक और लाइन पर चालक रहित मेट्रो का आनंद ले सकेंगे। 25 नवंबर से दिल्ली मेट्रो के सबसे बड़े 59 किलोमीटर लंबे पिंक लाइन (शिव विहार से मजलिस पार्क) पर इसका परिचालन शुरू होगा। इस कदम के बाद दिल्ली मेट्रो दुनिया के शीर्ष पांच देशों की सूची में शामिल हो जाएगी। बता दें कि इस लाइन के जुड़ने के बाद चालक रहित मेट्रो का कुल नेटवर्क 97 किलोमीटर का हो जाएगा। अभी दिल्ली मेट्रो की 38 किलोमीटर लंबी मजेंटा लाइन पर चालक रहित मेट्रो चल रही है। पिंक लाइन पर चालक रहित मेट्रो परिचालन का ट्रायल पूरा होने के बाद बीते सप्ताह मेट्रो रेल सुरक्षा आयुक्त (सीएमआरएस) ने इसका दौरा किया था। सीएमआरएस ने सुरक्षा जांच के बाद इसके परिचालन को हरी झंडी दे दी है। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत गुरुवार को इसे हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। दुनिया में अबतक चालक रहित मेट्रो परिचालन का नेटवर्क 1100 किलोमीटर का है। दिल्ली मेट्रो की उसमें कुल भागीदारी नौ फीसदी हो जाएगी। साथ ही, दिल्ली मेट्रो सबसे कम समय में दुनिया के चालक रहित मेट्रो नेटवर्क के पांच देशों की सूची में आ जाएगा। दुनिया में सबसे बड़ी चालक रहित मेट्रो रूट में दिल्ली से आगे सिंगापुर (240 किलोमीटर), चीन का शंघाई शहर (102 किलोमीटर) और कुआलालंपुर (98 किलोमीटर) है। दुबई 96 किलोमीटर के साथ दिल्ली मेट्रो से पीछे चला गया है। पिंक लाइन कॉरिडोर मेट्रो नेटवर्क का रिंग मेट्रो कहलाएगा। दरअसल, फेज तीन में बने 59 किलोमीटर का यह कॉरिडोर पूरी दिल्ली को आपस में जोड़ता है। अब मेट्रो फेज चार में 12 किलोमीटर का नेटवर्क मौजपुर से मजलिस पार्क के बीच बन रहा है। यह पिंक लाइन का ही विस्तार है, जिसके बाद यह पूरा रिंग बन जाएगा। इस लाइन के किसी एक स्टेशन से चढ़ने के बाद दिल्ली के किसी भी हिस्से में जा सकेंगे। -दो ट्रेन के बीच की दूरी कम हो सकेगी, जिससे फ्रीक्वेंसी बेहतर करने में मदद मिलेगी। -मेट्रो और सुरक्षित होगा, किसी भी तरह के हादसे में मैनुअली गलती होने की संभावना होती है जो इसमें नहीं रहेगी। चालक रहित मेट्रो की स्पीड और बढ़ाई जा सकती है, जिससे सेवा और बेहतर की जा सकेगी।