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धर्मान्तरण कानून के विरोध में राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन

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काशीपुर। सरकार द्वारा लागू किये जा रहे धर्मान्तरण कानून के विरोध में अम्बेडकर पार्क जन कल्याण समिति ने राष्ट्रपति को उपजिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन भेजा है।
ज्ञापन में कहा कि उत्तराखंड सरकार के द्वारा 15 नवम्बर 2022 को कैबिनेट बैठक में प्रस्ताव पास कर उत्तराखण्ड में धर्मान्तरण को रोकने के लिए कानून बनाया गया है, जबकि भारतीय संविधान इसकी इजाजत नहीं देता है। भारतीय संविधान भारत के नागरिकों को यह आजादी देता है कि कोई भी व्यक्ति स्वेच्छा से अपने धर्म की उपासना/पूजा पाठ आदि किसी भी रीति से कर सकता है और भारतीय नागरिकों को भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 से 30 तक व्यक्ति को अभिव्यक्ति व धार्मिक आजादी प्रदान करता है परन्तु उत्तराखंड और भारत सरकार भारतीय संविधान का उल्लंघन करते हुए अभिव्यक्ति की आजादी पर रोक लगाने के उद्देश्य से धर्मान्तरण कानून लाकर अधिकारों का हनन करना चाहती है। समिति ने राष्ट्रपति से आग्रह किया है कि उत्तराखंड सरकार और भारत सरकार के द्वारा बनाये जा रहे ऐसे कानूनों पर रोक लगाई जाये। ज्ञापन में कहा गया है कि हम भारतीय नागरिक जातीय उत्पीड़न से त्रस्त हैं और स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करना चाहते हैं। हमे संविधान सम्मत धर्म परिवर्तन करने की स्वतंत्रता प्रदान की जाये। ज्ञापन देने वालों में चन्द्रहास गौतम, एडवोकेट राजेश गौतम, सोनू गौतम, शीला एडवोकेट, कृष्ण कुमार गौतम, कैलाश गौतम, महेन्द्र सिंह, अशोक प्रधान, जसवंत सिंह एडवोकेट व मोहित आदि थे।

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