काशीपुर। बिहार के शिक्षामंत्री द्वारा श्रीरामचरितमानस के संबंध में दिये गये अपमानजनक बयान से आहत हिंदू समाज के तमाम लोगों ने धर्मयात्रा महासंघ के तत्वावधान में पुतला दहन कर राष्ट्रपति को उपजिलाधिकारी के माध्यम से ज्ञापन प्रेषित किया।
ज्ञापन में कहा गया कि बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर का नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय के 25वें दीक्षांत समारोह के दौरान दिया गया बयान एकदम असहनीय, अपमानजनक व घोर निंदनीय है। गोस्वामी श्री तुलसीदास जी द्वारा रचित श्री रामचरितमानस हिंदू धर्मावलंबियों का जीवन मंत्र है। कहना अनुपयुक्त न होगा कि चंद्रशेखर का ज्ञान एकदम अल्प है और वह शिक्षा मंत्री जैसे उच्च पद के योग्य नहीं हैं। चंद्रशेखर नहीं जानते कि भगवान श्रीराम और रामचरितमानस भारत के कण-कण में रचे-बसे हैं। इस देश की धर्मप्रेमी जनता चंद्रशेखर के इस पाप के लिए उन्हें कभी क्षमा नहीं करेगी। धर्मयात्रा महासंघ तथा नगर के विभिन्न धार्मिक संगठनों के लोगों ने राष्ट्रपति से आग्रह किया है कि राष्ट्रहित में असंख्य हिंदू धर्म प्रेमियों की धार्मिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर को तत्काल हटाएं तथा उनके द्वारा दिए गए आपत्तिजनक बयान के लिए देश से क्षमायाचना करने का आदेश पारित करें, ताकि जनाक्रोश शांत हो सके। इस दौरान धर्मयात्रा महासंघ के राष्ट्रीय महामंत्री कृष्ण कुमार अग्रवाल एडवोकेट, पार्षद गुरविंदर सिंह चण्डोक, पुष्कर बिष्ट, गौरव गोयल, पंकज अग्रवाल एडवोकेट, देवल अग्रवाल, डा. महेश चन्द्र अग्निहोत्री, अभिषेक पाठक, प्रशांत पंडित, राजपाल, राजेंद्र प्रसाद राय, देवेंद्र सिंह रावत, अश्वनी शर्मा, मदन मोहन गोले, भगवती प्रसाद, बंटी अग्रवाल, विष्णु गोस्वामी, राजेंद्र कश्यप, विजय चन्द्रा, मनोज मनराल, अमित मित्तल, राजीव परनामी, आकाश काम्बोज, राहुल कश्यप व जयप्रकाश सिंह आदि थे।