काशीपुर। आशा वर्कर्स की 2 अगस्त से शुरू हुई अनिश्चितकालीन हड़ताल लगातार सफलता से चल रही है लेकिन सरकार ने शर्मनाक चुप्पी साधी हुई है। सप्ताह भर के आशा आंदोलन के बाद भी सोयी हुई सरकार को जगाने के लिए आज भी सभी जगहों पर कार्यबहिष्कार हड़ताल के साथ धरना छठे दिन भी जारी रहा।
इस अवसर पर आशा नेताओं ने कहा कि आशाओं द्वारा कोरोना संकट के समय की गई सेवा को भुलाकर उत्तराखंड की राज्य सरकार जानबूझकर आशाओं के आंदोलन को नजरअंदाज कर रही है लेकिन आशाओं की लड़ाई और भी मजबूत होती जा रही है।आशा वर्कर्स ने कहा कि अब आशाओं के शोषण की पराकाष्ठा हो गई है। एक तो सरकार आशाओं को मासिक वेतन नहीं दे रही है दूसरी ओर आशाओं के शांतिपूर्ण आंदोलन के बाद भी मासिक वेतन और कर्मचारी के दर्जा देने के मामले में चुप्पी साधे हुए है। सरकार की इसी कार्यप्रणाली के खिलाफ आशाओं का यह आंदोलन है। जब तक सरकार अपने रवैये में बदलाव लाकर आशाओं के साथ वार्ता कर आशाओं की समस्याओं का निराकरण नहीं करती आंदोलन जारी रहेगा। धरना कार्यक्रम में यूनियन अध्यक्ष स्नेहलता चौहान समेत तमाम आशाएँ मौजूद रहीं।