हल्द्वानी। चुनावी साल में घोषणाओं के साथ शिलान्यास का सिलसिला भी लगातार बढ़ रहा है। इसमे लोक निर्माण विभाग से जुड़े मामले ज्यादा हैं। शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्र से जुड़ी गली-मोहल्लों की सड़कों के शिलान्यास कार्यक्रम में जनप्रतिनिधि इन दिनों फीता काटने में व्यस्त हैं। लेकिन सवाल खड़ा होता है कि जाड़ों में सड़कों पर बिछाया डामर कितना टिकेगा। लोनिवि से जुड़े ठेकेदार इस बात से ज्यादा डरे हैं कि नेताओं के चक्कर में अफसर जल्दी काम कराने का दबाव तो बना रहे हैं, लेकिन ठंड और पाले की वजह से डामर फिट नहीं बैठने पर दोबारा काम करना पड़ जाएगा। नैनीताल रोड पर कई जगहों पर सड़कों की मरम्मत चल रही है। खोदाई के बाद पत्थर भी बिछा दिए गए हैं। कालाढूंगी विधानसभा से जुड़े हरिपुर नायक, हरिनगर और छड़ायल इलाके में कई सड़कों का हाल में शिलान्यास किया गया। लोनिवि पहले खुद मानता था कि दिसंबर और जनवरी में डामर सेट नहीं हो पाता, मगर अब काम कराने के लिए तकनीक का हवाला दिया जा रहा है। लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि कालाढूंगी रोड पर पिछले दिनों दो बार किया गया डामरीकरण अगली सुबह ही उखडऩे लगा। गाडिय़ों के चलते ही बारीक बजरी सड़क पर बिखरी तो दोपहिया चालक भी रपटते नजर आए, जिसके बाद काम बंद कराकर फरवरी में नए सिरे से माइक्रो सरफेसिंग कराने की बात कही गई।
संयोजक कांट्रैक्टर सोसायटी कैलाश साह ने बताया कि सर्दियों में डामर के सेट होने में दिक्कत आती है। ओस के कारण कुछ समय की धूप भी काम नहीं कर पाती। इस वजह से दोबारा मरम्मत पर जेब से पैसे खर्च करने पड़ते हैं। अफसरों को समस्या से अवगत करा दिया गया है। ईई लोनिवि अशोक कुमार का कहना है कि डामरीकरण में समय लगेगा। अब कई तरह की तकनीक आ चुकी है, जिससे डामर सेट हो जाता है।