गुड़गांव। शहर में इन दिनों अचानक बकरी के दूध की मांग बढ़ गई है। पहले 50 से 60 रुपये प्रति लीटर में मिलने वाला बकरी का दूध अब यह 1600 रुपये प्रति लीटर में भी ढूंढे नहीं मिल रहा। दरअसल, आजकल काफी लोग बुखार की चपेट में हैं। इनमें कुछ लोगों में अचानक प्लेटलेट्स घट रहे हैं। लोगों का कहना है कि प्लेटलेट्स बढ़ाने में बकरी का दूध काफी कारगर है। इसलिए वे बकरी पालने वालों से संपर्क कर रहे हैं। हालाकि ऐलोपैथी डॉक्टरों का कहना है कि इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।
लोगों का कहना है कि पपीते के पत्ते और बकरी के दूध का इस्तेमाल प्लेटलेट्स बढ़ाने में कारगर है। इसी के चलते जिन लोगों की रिपोर्ट में प्लेटलेट्स डाउन होने की बात आ रही है वे दूध और पत्तों की तलाश में लगे हैं। वहीं पपीते की पत्तियों से बनी टैबलेट भी खरीद रहे हैं। सेक्टर-12 में रहने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि उनकी बहन को डेंगू हो गया था, जिसके चलते उन्हें 1600 रुपये लीटर में दूध खरीदना पड़ा। शहर में लोगों के पास बकरी, गाय पालने के लिए जगह नहीं होती है, चुनिंदा लोग ही जगह के अनुसार इन्हें रखते हैं। वहीं कुछ लोग ग्रामीण क्षेत्रों से दूध मंगवा रहे हैं। अगर प्लेटलेट्स तेजी से कम होते हैं, तो शरीर में चकत्ते पड़ने लगते हैं। किडनी और लीवर में दिक्कत होने लगे तो प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्यकता होती है।