-प्रधानमंत्री ने काशी वासियों को दी 2100 करोड़ रुपए की सौगात
वाराणसी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लोगों को लगभग 2100 करोड़ रुपए की विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से सौगात दी।
पीएम मोदी ने करखियांव में गुजरात के बनासकांठा जिला दुग्ध उत्पादक संघ लिमिटेड की बनास डेयरी का शिलान्यास करने के साथ क्षेत्र को 27 परियोजनाओं का तोहफा दिया। इस
दौरान एक सभा में प्रधानमंत्री ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा- मैं जब काशी के, यूपी के विकास में, डबल इंजन की डबल शक्ति की बात करता हूं तो कुछ लोगों को कष्ट ज्यादा ही
हो जाता है। ये वो लोग हैं जिन्होंने उत्तर प्रदेश को सिर्फ जाति, मजहब, पंथ, के चश्मे से ही देखा। इन लोगों ने कभी नहीं चाहा कि यूपी का विकास हो, यूपी की आधुनिक पहचान बने।
स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, सड़क, पानी, बिजली, गरीबों के घर, गैस कनेक्शन, शौचालय, इनको तो वो विकास मानते ही नहीं। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका
प्रयास की ये भाषा भी उनके सिलेबस से बाहर है। उनके सिलेबस में है- माफियावाद, परिवारवाद। उनके सिलेबस में है- घरों-जमीनों पर अवैध कब्जा।
उन्होंने कहा कि पूरा क्षेत्र आज किसानों और पशुपालकों के लिए बहुत बड़े कार्यक्रम का साक्षी बना है। पीएम ने बताया कि सरकार डेयरी सेक्टर को मजबूत करने के लिए काम कर रही
है। उन्होंने कहा, ‘भारत के डेयरी सेक्टर को मजबूत करना आज हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। इसी कड़ी में आज यहां बनास काशी संकुल का शिलान्यास किया
गया है।’ उन्होंने बताया, ‘आज भारत हर साल लगभग साढ़े 8 लाख करोड़ रुपये का दूध उत्पादन करता है। ये राशि जितना भारत में गेहूं और चावल का उत्पादन होता है, उसकी कीमत से
भी कहीं ज्यादा है।’ पीएम ने कहा कि हमारे यहां गाय की बात करना, गोबरधन की बात करना कुछ लोगों ने गुनाह बना दिया है। गाय कुछ लोगों के लिए गुनाह हो सकती है, हमारे लिए
गाय, माता है, पूजनीय है। गाय-भैंस का मजाक उड़ाने वाले लोग ये भूल जाते हैं कि देश के 8 करोड़ परिवारों की आजीविका ऐसे ही पशुधन से चलती है।
प्रधानमंत्री ने कहा, मेरा अटूट विश्वास है कि देश का डेयरी सेक्टर, पशुपालन, श्वेत क्रांति में नई ऊर्जा, किसानों की स्थिति को बदलने में बहुत बड़ी भूमिका निभा सकती है। इस विश्वास
के कई कारण भी हैं। पहला ये कि पशुपालन, देश के छोटे किसान जिनकी संख्या 10 करोड़ से भी अधिक है, उनकी अतिरिक्त आय का बहुत बड़ा साधन बन सकता है। दूसरा ये कि
भारत के डेयरी प्रॉडक्ट्स के पास, विदेशों का बहुत बड़ा बाजार है जिसमें आगे बढ़ने की बहुत सारी संभावनाएं हमारे पास हैं। तीसरा ये कि पशुपालन, महिलाओं के आर्थिक उत्थान,
उनकी उद्यमशीलता को आगे बढ़ाने का बहुत बड़ा जरिया है। और चैथा ये कि जो हमारा पशुधन है, वो बायोगैस, जैविक खेती, प्राकृतिक खेती का भी बहुत बड़ा आधार है।
अपने संसदीय क्षेत्र में मोदी ने कहा- 6-7 वर्ष पहले की तुलना में देश में दूध उत्पादन लगभग 45 प्रतिशत बढ़ा है। आज भारत दुनिया का लगभग 22 प्रतिशत दूध उत्पादन करता है। मुझे
खुशी है कि यूपी आज देश का सबसे अधिक दूध उत्पादक राज्य तो है ही, डेयरी सेक्टर के विस्तार में भी बहुत आगे है।पीएम ने कहा कि भारतीय मानक ब्यूरो ने देशभर के लिए एकीकृत
व्यवस्था जारी की है। सर्टिफिकेशन के लिए कामधेनु गाय की विशेषता वाला एकीकृत लोगो भी लॉन्च किया गया है। ये प्रमाण, ये लोगो दिखेगा तो शुद्धता की पहचान आसान होगी और
भारत के दूध उत्पादों की विश्वसनीयता भी बढ़ेगी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि समय के साथ प्राकृतिक खेती का दायरा सिमटता गया, उस पर केमिकल वाली खेती हावी होती गई। धरती मां के कायाकल्प के लिए, हमारी मिट्टी की सुरक्षा के
लिए, आने वाली पीढ़ियों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए, हमें एक बार फिर प्राकृतिक खेती की तरफ मुड़ना ही होगा। यही आज समय की मांग है। प्रधानमंत्री ने कहा कि गांवो को,
किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए, उन्हें अवैध कब्जे से चिंता मुक्त करने में स्वामित्व योजना की बहुत बड़ी भूमिका है। यूपी के 75 जिलों में 23 लाख से अधिक घरौनी तैयार हो चुकी
हैं। इसमें से करीब 21 लाख परिवारों को आज ये दस्तावेज दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि पुरातन पहचान को बनाए रखते हुए हमारे शहर नूतन काया कैसे धारण कर सकते हैं, ये काशी में
दिख रहा है। आज जिन परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकापर्ण हुआ है, वो ‘भव्य काशी-दिव्य काशी’ अभियान को और गति देंगे।