कु. देवेश्वरी ने एमबीए में स्वर्ण पदक प्राप्त किया

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उज्जैन । विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के 25वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर कुलाधिपति एवं राज्यपाल, मध्यप्रदेश माननीय श्री मंगुभाई  पटेल, उच्च शिक्षा मंत्री, मध्यप्रदेश

शासन डॉ. मोहन  यादव, उज्जैन उत्तर के लोकप्रिय विधायक श्री पारस चन्द्र जैन और कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डेय के हाथों वर्ष 2020 की स्नातकोत्तर परीक्षा एमबीए

(सीबीसीएस) की प्रावीण्य सूची में प्रथम स्थान प्राप्त कर कु. देवेश्वरी सिंह भाटी ने स्वर्ण पदक एवं उपाधि प्राप्त की। कु. देवेश्वरी ने एमबीए (सीबीसीएस) परीक्षा पंडित जवाहरलाल

नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान (एमबीए डिपार्टमेंट), विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन से उत्तीर्ण की है और स्कूली शिक्षा सेंट मैरीज कॉन्वेंट सीनियर सेकेंडरी स्कूल उज्जैन से प्राप्त की हैं।

कु. देवेश्वरी ने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, नानी, नानाजी दीवान साहब नरेंद्र सिंह जी चैहान लालगढ़ एवं सभी गुरुजनों को दिया हैं। कु. देवेश्वरी की इस उपलब्धि पर डॉ.

डी.डी. बेदिया, डॉ. सचिन राय, डॉ. दीपक गुप्ता, डॉ. धर्मेंद्र मेहता, डॉ. कामरान सुल्तान, डॉ. नयनतारा डामोर, डॉ. संध्या सक्सेना, डॉ. आशीष मेहता, डॉ. नागेश पाराशर, डॉ.

रुचिका खंडेलवाल, डॉ. अनुभा गुप्ता, डॉ. नेहा माथुर, डॉ. परिमिता सिंह, डॉ. नैना दुबे, डॉ. रवि सोनी, चर्चिता गुप्ता, शुभम चैऋषिया, चेतन ढूंडाले, साक्षी तिवारी आदि ने हर्ष व्यक्त

किया एवं परिजनों व इष्ट मित्रों ने बधाई दी हैं।

(जबलपुर) ओमिक्रोन के खतरे के बीच नये साल का जश्न
लापरवाही कहीं भारी न पड़ जाए
जबलपुर (ईएमएस)। नये साल की दस्तक होने वाली है. शहरवासी अपने अपने अंदाज से न्यू ईयर सेलीब्रेशन की तैयारी कर रहे हैं. लेकिन दूसरी तरफ कोरोना की तीसरी लहर भी

दस्तक दे रही है. ओमिक्रोन की दहशत भी बढ़ रही है. ऐसे यदि नये साल की जश्न में लापरवाही बढ़ी तो इसके नकारात्मक परिणाम आना तय हैं. गौरतलब है की जबसे शहर में कोरोना के

नये मामले कम हुये हैं, तब से शहर के बाजारों, सार्वजनिक स्थानों पर लापरवाही भी बढ़ी है. मास्क गिने चुने चेहरों पर दिखाई देता है, तो सेनेटाईजर शो पीस बन चुका है. इस सबके बीच

यदि नये साल के जश्न में लापरवाही बढ़ी तो इसका गंभीर खामियाजा भुगतना पड़ सकता है. हालांकी प्रशासन ने परिस्थतियों को गंभीरता से लेते हुये एक बार फिर वृहद स्तर पर

वैक्सीनेशन अभियान शुरु किया है. जिसमें अधिक से अधिक लोगों को दोनों डोज लगाकर सुरक्षित करने पर फोकस किया जा रहा है. वहीं स्वास्थ्य विभाग की मोबाईल टीमें गली गली

पहुंच कर लोगों को जागरुक कर रही है.  
मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग जरूरी…………….
मेडिसिन विशेषज्ञों का कहना है कि, कोरोना से बचाव के लिए जागरूकता जरूरी है वेरियंट कोई भी हो हमें मास्क लगाना चाहिए और शारीरिक दूरी बनाए रखना चाहिए। इससे ही

कोरोना से बचाव हो सकेगा। कोविड १९ की गाइडलाइन का पालन बहुत ही आवश्यक है। यदि कोई लक्षण दिखते हैं तो डाक्टर से बिना विलंब किए जांच कराएं। सर्दी, जुकाम, बुखार,

गले में दर्द की शिकायत यदि है तो जांच कराना जरूरी है।

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