-रेलवे क्रॉसिंग पर दीवार न बनाने, टू लेन बाईपास रोड, द्रोणासागर का विकास, लक्ष्मीपुर माईनर का पुनः निर्माण सहित कई मांगे रखी केडीएफ ने
काशीपुर। नगर क्षेत्र की कई ज्वलंत समस्याओं को लेकर काशीपुर डेवलपमेंट फोरम ;केडीएफद्ध प्रतिनिधि मण्डल ने अध्यक्ष राजीव घई के साथ उत्तराखण्ड सरकार के सिंचाई, पर्यटन, पीडबल्यूडी, संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज से मुलाकात कर उन्हंे प्रदेश स्तर पर लम्बित काशीपुर की विकास योजनायों को शीघ्र प्रारंभ कराने की मांग की।
श्री महाराज को केडीएफ ने अवगत कराया कि मुख्यमंत्री ने 23 अक्टूबर 2019 को सिंचाई विभाग द्वारा द्रोण नहर पर निर्माण काशीपुर-रामनगर रोड तक टू लेन बाइपास रोड की घोषणा की थी इसके लिए धन आवंटन। द्रोणासागर को 13 डिस्ट्रिक्ट 13 डेस्टिनेशन के अंदर घोषित पर्यटन हेतू घोषित योजना में केवीएम को प्रथम फ़ेज़ शुरू करने के लिये राशि अवमुक्त की गई है। इस योजना में द्रोणासागर राजवाह से द्रोणासागर सरोवर को जल उपलब्ध कराने तथा सरोवर से जल निकासी की योजना को शीघ्र शुरू करने के लिये 67 लाख की राशि शीघ्र अवमुक्त कर कार्य शीघ्र करने हेतू अदेशित करे। लक्ष्मीपुर माइनर के पुनः निर्माण एवं सफ़ाई योजना हेतु धनआवंटन करते हुए शुरू किया जाना। काशीपुर को हैली सर्विस की सुविधा से जोड़ने से यहाँ का पर्यटन एवं औद्योगिक विकास को गति मिलेगी। इसके अलावा बाजपुर रोड के रेलवे फाटक पर रेलवे विभाग द्वारा बनाई जाने वाली दीवार ना बनाने देने हेतु कार्यवाही करने को कहा। उनको अवगत कराया कि माँ बाल सुन्दरी देवी का डोला 350 साल से अधिक समय से इस रूट से निकलता है जिसके लिये सभी की अस्थाये जुड़ी हैं साथ ही दीवार बनने से शहर का विभाजन हो कर दो हिस्सों में बट जायेगा। काबीना मंत्री श्री महाराज ने सिंचाई विभाग की समस्या के लिये सिंचाई सचिव को बुलाया व द्रोणनहर पर मुख्यमंत्री द्वारा घोषित सड़क निर्माण योजना को, द्रोण नहर की एक धारा को द्रोणासागर तक ले जाने व ओवफ़्लो को वापस नहर से जोड़ने के लिये अनुमोदित 67 लाख की योजना को तुरंत शुरू करने साथ ही लक्ष्मीपुर माइनर का कार्य भी शुरू करने को कहा। रेलवे क्रॉसिंग पर दीवार बनाये जाने के मामले पर उन्होंने आश्वासन दिया की इसके लिये वह शीघ्र रेलवे मंत्री भारत सरकार से मिलेंगे व इस दीवार को नहीं बनने देने के पूर्ण प्रयास करेंगे।
ऐतिहासिक नगर है काशीपुर
केडीएफ ने अवगत कराया कि काशीपुर एक ऐतिहासिक स्थान है। जहाँ द्रोणासागर में तीन धर्मों का संगम सनातन, आर्यसमाज एवं बोध धर्म की अस्थाये जुड़ी हैं। महान देवी देवताओं कर्मयोगियों एवं संतों के चरण काशीपुर की भूमि पर पढ़े है। पुराणो में अंकित है जोकि प्रचालित है की चार धाम यात्रा काशीपुर में आये बिना पूर्ण नहीं होती। इसी कारण से तुलसीदास, श्रवण कुमार आदि महापुरुषों की उपस्थिति दर्ज है। श्री गुरुनानक देव जी महाराज, स्वामी दयानन्द सरस्वती एवं चीन इतिहासकार हुवेनसांग की उपस्थिति काशीपुर का ओर अधिक महत्व बढ़ा देती है।