लखनऊ । उत्तरप्रदेश में सूबे के पूर्व काबीना मंत्री आजम खान को मानहानि व विभिन्न समुदायों के बीच शत्रुता पैदा करने का प्रयास करने के मामले में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। बुधवार को आजम खान को सीतापुर जेेल से जरिए वीडियो कांफ्रेंसिंग लखनऊ की एक अदालत में पेश किया गया था। सीजेएम रवि कुमार गुप्ता ने आजम खान का 18 जनवरी तक के लिए न्यायिक रिमांड मंजूर किया।
बीते मंगलवार को अदालत ने इस मामले में न्यायिक रिमांड के लिए अभियुक्त आजम खान को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पेश करने का आदेश दिया था। आजम खान दूसरे आपराधिक मामले में सीतापुर जेल में न्यायिक हिरासत में निरुद्ध हैं। एक फरवरी, 2019 को इस मामले की एफआइआर आल इंडिया मुस्लिम काउंसिल के अल्लामा जमीर नकवी ने हजरतगंज कोतवाली में आइपीसी की धारा 500 व 505 के तहत दर्ज कराई थी। इसके मुताबिक आजम ने मंत्री रहते हुए अपने लेटर हेड व सरकारी मोहर का दुरुपयोग कर भाजपा, आरएसएस व मौलाना सैय्यद कल्बे जव्वाद नकवी को मीडिया में बदनाम किया था।
पशुधन घोटाला मामले में निरुद्ध आइपीएस अरविंद सेन की अर्जी नामंजूर
पशुधन घोटाला मामले में निरुद्ध सेवानिवृत आइपीएस अफसर अरविंद सेन की ओर से दाखिल एक अर्जी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत ने मंजूर करने से इंकार कर दिया है। सेन ने इस अर्जी में अपनी बड़ी पुत्री स्निग्धा सेन के पक्ष में पॉवर ऑफ अटार्नी करने का जिक्र करते हुए कहा था कि इसके लिए उन्हें जेल से निबंधक कार्यालय में उपस्थित होना होगा। लिहाजा इस मसले पर न्यायिक आदेश पारित किया जाए। सरकारी वकील अभितेष मिश्र के मुताबिक विशेष अदालत ने अन्य कारणों के अलावा यह भी कहा है कि अर्जी में संबधित प्रापर्टी का जिक्र नहीं किया गया है।
सोमवार को अरविंद सेन ने यह अर्जी जेल अधीक्षक के माध्यम से दाखिल की थी। उनका कहना था कि वह इस मामले में निलंबन के दौरान सेवानिवृत हो गए थे। उनकी समस्त अवकाश प्राप्त देय भत्ता व अन्य अनुमन्य राशि निरुद्ध कर दी गई है। पत्नी की मौत के बाद उनकी दो पुत्री व एक अवयस्क पुत्र उन पर ही आश्रित हैं। लेकिन आय का अब कोई अन्य साधन नहीं है। जिससे परिवार का पोषण व उनके मुकदमे की पैरवी कठिन हो गया है। ऐसी परिस्थिति में वह अपनी पैतृक सम्पति की क्रय-विक्रय व संविदा के लिए बड़ी पुत्री स्निग्धा सेन के पक्ष मेें पॉवर ऑफ अटार्नी करना चाहते हैं।